करन, यशपाल और कापड़ी की चम्पावत में पहली परीक्षा

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हल्द्वानी। चम्पावत उपचुनाव से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मैदान में उतर चुके हैं। कांग्रेस ने फिलहाल उम्मीदवार का चयन नहीं किया है। प्रदेश नेतृत्व सीएम के सामने मजबूत दावेदार को उतारने की तैयारी में जुटा है। मगर चम्पावत उपचुनाव कांग्रेस के लिए भी एक चुनौती है।

उत्तराखंड कांग्रेस में पिछले साल के काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। काफी समय में कांग्रेस के अंदर असंतोष रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले व बाद में तो पार्टी के अंदर की गुटबाजी, बगावत सतह पर आ गयी थी। सीट बंटवारे में तो पार्टी की काफी किरकिरी हुई। कई प्रत्याशी बागी हो गए। इस दौरान कई नेताओं ने दलबदल किया तो चुनाव बाद सबसे बड़े चेहरे हरीश रावत पर टिकट बेचने का आरोप लगा दिया था। अब इन सबके बाद प्रदेश के शीर्ष पदों पर नियुक्त किया गया है। इसके तुरंत बाद चम्पावत में उपचुनाव होने हैं, जिसमें नवनियुक्तों की परीक्षा होनी है।

कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन सिंह माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी तीनों कुमाऊं से संबंध रखते हैं। पार्टी की तरफ से इन्हें मिली नई जिम्मेदारी के बाद राज्य में यह पहला चुनाव है। ऐसे में चम्पावत का चुनाव इन तीनों के लिए भी परीक्षा माना जा रहा है। लगातार दूसरी बार भाजपा के कैलाश गहतोड़ी कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को हराकर चम्पावत के विधायक बने थे। लेकिन खटीमा सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी कांग्रेस के भुवन कापड़ी से चुनाव हार गए। उसके बावजूद संगठन ने धामी को फिर से राज्य की कमान सौंपी। जिसके बाद से उपचुनाव को लेकर सीट तलाशने की कवायद शुरू हुई।

चर्चा यह भी थी कि भाजपा किसी कांग्रेसी विधायक से भी पाला बदलवा सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चम्पावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने सीएम के लिए सीट छोड़ दी। चम्पावत विधानसभा खटीमा से लगती हुई है। वहीं, चुनावी हार के बाद कांग्रेस ने भी संगठन में खासा बदलाव किए।

करन माहरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया जबकि अनुभवी नेता को सदन में नेता प्रतिपक्ष के पद से नवाजा गया। वहीं, सीएम को हराने वाले भुवन कापड़ी उपनेता प्रतिपक्ष बनाए गए। कुमाऊं के इन तीनों नेताओं की पहली चुनावी परीक्षा अब चम्पावत के उपचुनाव में होगी।

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