देहरादून। पिछले आठ महीने से तमाम तरह के विवादों का केंद्र रहे कर्मकार कल्याण बोर्ड को लेकर सरकार अब जल्द निर्णय लेने की तैयारी में है। श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत समेत कई मंत्रियों व विधायकों ने इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी है। माना जा रहा है कि सरकार बोर्ड को भंग करने जैसा कदम भी उठा सकती है।
बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल और सचिव के बीच चल रहा विवाद इन दिनों सुर्खियों में है। सत्याल ने श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाले पिछले बोर्ड के कार्यकाल पर भी सवाल उठाए हैं। इस बीच सचिव श्रम की ओर से सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया कि बोर्ड में टकराव की स्थिति है। इस रिपोर्ट और कर्मकार बोर्ड में चल रही रार को देखते हुए सरकार इसका समाधान निकालने में जुट गई है। सूत्रों के अनुसार बोर्ड को भंग करने, सचिव को हटाने समेत अन्य कई विकल्पों पर विचार चल रहा है। जल्द ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा।
इस बीच श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने बोर्ड में चल रहे विवाद को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र ने उन्हें बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाकर अपमानित करने का प्रयास किया। इसके बाद जो लोग नए अध्यक्ष व सचिव बनाए गए, उन्होंने उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया। इससे सरकार को भी नुकसान हुआ। और तो और केंद्र सरकार की संस्था को भी निशाने पर लिया गया।
हरक सिंह ने कहा कि त्रिवेंद्र रावत और शमशेर सत्याल जिस डाल पर बैठे थे, उसे ही काटने की कोशिश में लगे रहे। उन्होंने कहा कि जब मौका आएगा तो बोलूंगा कि कौन ईमानदार है और कौन नहीं। साथ ही सवाल उठाया कि उनके बोर्ड के अध्यक्ष के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने चेक रुकवाए, बाद में भुगतान भी कर दिया। यदि साइकिल व राशन वितरण में कोई गड़बड़ी थी तो भुगतान क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि उनके अलावा अन्य मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री के समक्ष बात रख चुके हैं कि दायित्वधारियों को हटा दिया गया है तो इसमें एकरूपता रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस बारे में जल्द निर्णय लेंगे।