कर्मचारियों के अंशदान की कटौती बंद करने की मांग

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देहरादून। गोल्डन कार्ड की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर राज्य कर्मचारी भी मुखर हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने व्यवस्थाओं में सुधार लाने तक अंशदान की कटौती बंद करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार को भी मांगों से अवगत कराया है।

परिषद के प्रदेश कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने बताया कि मंगलवार को हाई पावर कोर कमेटी की ऑनलाइन बैठक की गई। जिसमें गोल्डन कार्ड की सुविधाओं में पेश आ रही दिक्कतों पर चर्चा की गई। कहा कि लगातार प्रयासों के फलस्वरूप राज्य के कार्मिकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जारी गोल्डन कार्ड में तमाम तरह की दिक्कतें हैं। बैठक में इस बात पर रोष जताया गया कि शासन के कुछ कर्मचारी विरोधी मानसिकता वाले अधिकारी गोल्डन कार्ड की सुविधा समाप्त करने की साजिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि शीघ्र गोल्डन कार्ड की व्यवस्था में सुधार को आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो परिषद आंदोलन को बाध्य होगा।

बताया कि परिषद के पदाधिकारियों ने बीते सोमवार को मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह से शिष्टाचार भेंट की। जिसमें राज्य के कार्मिकों को गोल्डन कार्ड के उपयोग में आ रही कठिनाइयों से अवगत कराया गया। अनुरोध किया कि गोल्डन कार्ड की सुविधा में आवश्यक सुधार होने तक कार्मिकों एवं पेंशनरों से की जा रही कटौती पर रोक लगाई जाए। बैठक में ठाकुर प्रहलाद सिंह, नंदकिशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, चौधरी ओमवीर सिंह, गिरिजेश कांडपाल, गुड्डी मटूड़ा, पीके शर्मा, सुनील देवली, रेणु लांबा, जीएस नेगी आदि उपस्थित रहे।

गोल्डन कार्ड की विसंगतियां दूर करे सरकार

उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने गोल्डन कार्ड की विसंगतियां दूर करने की मांग की है। मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में एसोसिएशन ने विभिन्न सुझाव भी दिए हैं। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी व प्रांतीय महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि केंद्र की तर्ज पर यू-हेल्थ कार्ड की सुविधा की मांग वर्षो से की जा रही थी। इसी के चलते राज्य सरकार ने अब स्टेट गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के अंतर्गत राज्य कर्मियों के लिए गोल्डन कार्ड की सुविधा लागू कर दी है। इसे सुविधाजनक बनाते हुए शीघ्र संशोधित शासनादेश जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही मांगों को नहीं माना गया तो वह कोरोना संक्रमण के सामान्य होते ही पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे।

 

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