देहरादून। प्रदेश की भाजपा सरकार में युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपने और अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में सांसद अजय भट्ट को जगह दिए जाने के पीछे भाजपा की प्रदेश में विपक्ष और इसमें भी मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को उनके घर (कुमाऊं मंडल) में ही घेरने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी व केंद्रीय राज्यमंत्री भट्ट दोनों कुमाऊं से ताल्लुक रखते हैं। पर्वतीय क्षेत्र का निवासी होने के साथ वे तराई का प्रतिनिधित्व करते हैं। उधर, हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के केंद्रीय मंत्रिमंडल से त्यागपत्र को लेकर अटकलें बरकरार है। माना जा रहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है।
अगले साल की शुरुआत में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में प्रतिनिधित्व मिलने की चर्चा कई दिनों से चल रही थी। इस दृष्टिकोण से उम्मीद जगी कि उत्तराखंड को केंद्र में अधिक प्रतिनिधित्व मिल सकता है। प्रदेश की भाजपा सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के घटनाक्रम के बाद यह चर्चा तेज हुई। केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में उत्तराखंड को जगह मिली, लेकिन चेहरा बदलने के साथ। हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों से केंद्रीय शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। साथ ही नैनीताल से सांसद अजय भट्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई। यानी राज्य से एक मंत्री पद बरकरार रखा गया, मगर उसे अतिरिक्त मंत्री पद नहीं मिल पाया। ये बात अलग है कि पहले राज्य से केंद्र में कैबिनेट मंत्री का पद था, जबकि अब राज्यमंत्री का।
बहरहाल, प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन और फिर केंद्र में मंत्री पद में किए गए बदलाव के जरिये उत्तराखंड में भाजपा विपक्ष को घेरेगी। प्रदेश में विपक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत सबसे बड़ा चेहरा हैं और वे निरंतर सक्रिय भी हैं। इस परिदृश्य के बीच मुख्यमंत्री धामी मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के निवासी हैं, जबकि उनकी विधानसभा सीट खटीमा (ऊधमसिंहनगर) है। केंद्र में राज्यमंत्री बनाए गए अजय भट्ट नैनीताल संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह अल्मोड़ा जिले से ताल्लुक रखते हैं। माना जा रहा कि मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के कुमाऊं से होने के कारण वे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की कुमाऊं क्षेत्र में ही घेराबंदी कर सकेंगे।
कम होगी सवालों की बौछार
मोदी सरकार में शिक्षा मंत्री रहे रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों से इस्तीफा दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से न सिर्फ निशंक बल्कि कई दिग्गज नेताओं की भी विदाई हुई है। ऐेसे में प्रदेश सरकार में नेतृत्व परिवर्तन और केंद्रीय मंत्रिमंडल से निशंक की विदाई के पार्टी के निर्णय पर जनता के बीच से सवालों की बौछार भी थमेगी। हालांकि, यह भी अपने आप में बड़ा विषय है कि यदि निशंक स्वास्थ्य कारणों से पद नहीं संभाल पा रहे तो यह भाजपा के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
निशंक को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
निशंक के इस्तीफे को उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है।