सामान्य दिनों में पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठन में ओहदे देने में हिचकने वाली कांग्रेस ने चुनावी असंतोष थामने को पदों की बारिश कर दी। करीब महीने भर के भीतर ही कांग्रेस ने 100 से ज्यादा प्रदेश महामंत्री, उपाध्यक्ष, सचिव बना डाले हैं। पद बांटने की शुरुआत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने तीस दिसंबर 2021 से शुरू की थी।
हाईकमान से फ्रीहैंड मिलते ही उन्होंने एक ही झटके में 109 कार्यकर्ताओं को प्रदेश सचिव बना दिया। ऋषिकेश से बागी होकर नामांकन कर चुके पूर्व काबीना मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर शांत किया गया है। 13 जिले के उत्तराखंड में कांग्रेस के पहले ही एक प्रदेश अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्ष काम कर रहे थे। अब कार्यकारी अध्यक्षों की संख्या पांच हो गई है। इसके बाद महामंत्री और प्रवक्ता भी बनाए गए हैं और यह सिलसिला जारी है।
ज्योति को अध्यक्ष बना किया शांत: लैंसडौन सीट से टिकट की प्रबल दावेदार ज्योति रौतेला महिला कांग्रेस का अध्यक्ष भी असंतोष थामने की कवायद के तहत बनाया गया। यह सीट कांग्रेस ने हाल में भाजपा से निष्कासित डॉ. हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं रावत को दे दी है। राजपुर सीट से टिकट की दावेदार कमलेश रमन और कैंट सीट से दावेदार रही आशा मनोरमा शर्मा डोबरियाल को वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाकर प्रमोशन देकर शांत करने की कोशिश की गई।
रणनीति
प्रदेश सचिव: 109 विभिन्न जिला, ब्लॉक के कार्यकर्ता
प्रदेश उपाध्यक्ष: आकिल अहमद
प्रदेश महामंत्री: रघुवीर सिंह बिष्ट, अंशुल श्रीकुंज,हिमांशु बिजल्वाण
कार्यकारी जिलाध्यक्ष: अश्विनी बहुगुणा-परवादून
प्रदेश प्रवक्ता: विमला सांगुडी, डॉ. केदार पलड़िया, कमल रतूड़ी, हिम्मत सिंह बिष्ट, गिरिराज किशोर हिंदवान, महेंद्र लुंठी अद्वैत बहुगुणा
कार्यकर्ताओं को पद देने को संगठनात्मक मजबूती के रूप में भी देखा जाना चाहिए। पात्र कार्यकर्ताओं की क्षमताओं का इससे सही उपयोग होगा। हाईकमान, प्रदेश अध्यक्ष का अधिकार है कि वो कभी भी किसी भी कार्यकर्ता को उसकी क्षमता के अनुसार जिम्मेदारी दे सकते हैं।
मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री-संगठन