प्रकाश जोशी अभी तक उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन उनकी फेसबुक पोस्ट ने यह इशारा कर दिया है की अब वे इस दौड़ से बाहर हैं। हरदा उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा बनना चाहते हैं। हरदा हमेशा से राजनीति का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में रखने के लिये जाने और पहचाने जाते हैं। एक यही कारण है जिससे हरदा के सामने हमेशा मुश्किल खड़ी हो जाती है। इस बार उत्तराखंड में कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर जो रस्सा कस्सी चल रही है उसमें हरदा फिर से सब कुछ अपने नियंत्रण में करना चाहते है। एक तरफ भाजपा अपने कैडर के युवा विधायक को सिधा मुख्यमंत्री बनाकर 2022 का चुनावी का बिगुल फूंक चुकी है वहीं दूसरी तरफ हरीश रावत अपनी ही पार्टी के संगठनात्मक रणनीति के माहिर युवा नेता प्रकाश जोशी की घेराबंदी में लगे हैं।
सब जानते हैं हरदा के तरकश में बहुत तीर होते हैं।हरीश रावत ने इस बार दलित प्रदेश अध्यक्ष की पैरवी से शुरुआत करते हुऐ कुमाऊं-गढ़वाल के ब्राहमण नेताओं की लंबी फेरहिस्त खड़ी कर केंद्रीय नेतृत्व को कंफ्यूज कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रितम सिंह के पास अपने सिवा कोई दूसरी बेहतर च्वाईस ना होने के कारण वे अध्यक्ष की दौड़ से लगभग बाहर हो चुके हैं।
बार बार प्रेस में च्वाहाण कमेटी का हवाला देकर हरदा खुद को उत्तराखंड में कांग्रेस का चेहरा बना कर 2022 का समर फतेह करना चाहते हैं। वहीं सभी गुटों को साथ लेने में हरीश रावत नाकाम नजर आ रहे हैं। यही वजह थी की उनके मुख्यमंत्री काल में कांग्रेस को बड़ी बगावत का सामना करना पड़ा था। दूसरी तरफ सल्ट उप चुनाव में जिस तरह हरीश रावत खेमे के अधिकतर विधायक और नेता प्रकाश जोशी के नेतृत्व में कार्य कर रहे थे उससे यह मेसेज तैयार हुआ था की शायद हरदा और जोशी के बीच नये कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कुछ सुलह हो गयी है। लेकिन जिस तरीके से नये हालात पैदा हुऐ हैं उससे हरदा के लिये कुमाऊं और गढ़वाल में प्रकाश जोशी अब नये विरोधी के रूप में तैयार हो गये है। प्रकाश जोशी दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व पर अच्छी पकड़ रखते हैं। समय आने पर राजनीति का चक्र घुमा तो एक बार फिर हरदा की पक्की पक्काई राजनीतिक हांडी फोड़ने में प्रकाश जोशी सक्षम हो सकते है।
फिलहाल नये अध्यक्ष की ताजपोशी हरदा की च्वाईस पर होती नजर आ रही है जिसमें गणेश गोदियाल और नव प्रभात का नाम प्रमुख रूप से आगे चल रहा है। बड़े ब्राह्मण नेता होने तथा राहुल गांधी की पसंद होने के कारण प्रकाश जोशी का AICC में बड़े पद पर जाना लगभग तय है। इसलिए हरदा ने वर्तमान में संकट को टाल कर फिलहाल अपने लिये रास्ता बना लिया है।