देहरादून। देहरादून उत्तराखंड कांग्रेस में चुनावी रणनीति और चुनाव के चेहरे को लेकर आपस के विवाद को थामने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश कांग्रेस के लिए समन्वय समिति घोषित की है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के नेतृत्व में बनी समन्वय समिति में भी संतुलन साधने की कोशिश की गई है।
कांग्रेस में इस समय चुनावी चेहरे को लेकर भी अंदरखाने खासा विवाद है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत लगातार इस बहस को आगे बढ़ाए हुए हैं। रावत का कहना है कि भाजपा प्रधानमंत्री मोदी को आगे कर हर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में कांग्रेस अगर स्थानीय चेहरा आगे करती है तो भाजपा को भी स्थानीय नेतृत्व को आगे करना पड़ेगा।
दूसरी ओर पीसीसी के कई नेता इससे सहमत नहीं है। इनका कहना है कि कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ती आई है और इस समय भी यही किया जाएगा। प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी नजदीक हैं और इस खींचतान से भी प्रदेश में कांग्रेस को नुकसान की आशंका जताई जा रही थी।
इसी को देखते हुए अब कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से समन्वय समिति घोषित की गई है। इस समिति में प्रीतम सिंह के साथ ही हरीश रावत और उनके समर्थक माने जाते करन माहरा को भी जगह दी गई है। इसी तरह हरीश रावत के पक्ष के ही प्रदीप टम्टा भी इस समिति में शामिल किए गए हैं।
समिति में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को भी शामिल किया गया है और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को भी। काजी निजामुद्दीन की मौजूदगी दोनों ही धड़ों में बराबर की है। काजी वैसे एआईसीसी के सचिव भी हैं। इसी तरह एआइसीसी के पूर्व सचिव प्रकाश जोशी की मौजूूदगी से प्रीतम सिंह का सहज महसूस करना माना जा रहा है।
समन्वय समिति में ये हैं शामिल
– देवेंद्र यादव, प्रदेश प्रभारी (समिति प्रभारी)
– हरीश रावत, राष्ट्रीय महासचिव
– प्रीतम सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
– इंदिरा हृदयेश, नेता प्रतिपक्ष
– किशोर उपाध्याय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
– प्रदीप टम्टा, राज्य सभा सदस्य
– काजी निजाम़ुद्दीन, विधायक मंगलौर
– करन माहरा, उप नेता विधायक दल
– प्रकाश जोशी, पूर्व राष्ट्रीय सचिव
– विशेष आमंत्रित – यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई और सेवा दल के अध्यक्ष।