कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखरेख का होगा इंतजाम, दून शिशु पालन केंद्र का निर्माण शुरू

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देहरादून। दून के सरकारी और गैर सरकारी विभागों में ड्यूटी करने वाली ऐसी महिलाएं, जो दिन के समय अपने बच्चों की देखरेख नहीं कर पातीं। उनके तीन माह से छह साल तक के बच्चों की देखरेख की पूरी जिम्मेदारी अब महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग लेगा। इसके लिए सर्वे चौक के समीप स्थित राजकीय महिला छात्रावास परिसर में शिशु पालन केंद्र का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। 

इस योजना का मकसद खासतौर पर उन महिलाओं की मदद करना है, जो दून के सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों के अलावा सिडकुल में निजी कंपनियों में ड्यूटी करती हैं और इनके परिवार के अन्य सदस्य दून में नहीं रहते हैं। ऐसे में दिन के समय उन्हें बच्चों की देखरेख करने में दिक्कतें पेश आती हैं। निजी स्तर से देखरेख की व्यवस्था करने पर उन्हें काफी ज्यादा खर्च उठाना पड़ता है। इसी समस्या को हल करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब एक करोड़ रुपये की लागत से आईआरडीटी परिसर में राजकीय महिला छात्रावास के समीप शिशु पालन केंद्र का निर्माण कार्य किया जा रहा है।

सुविधा के लिए शुल्क तय किया जाएगा
शिशु पालन केंद्र में बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी यहां तैनात स्टाफ कर्मियों की होगी। महिलाएं चाहेंगी तो वह स्वयं बच्चों के लिए टिफिन तैयार कर केंद्र में उपलब्ध करवा सकेंगी। इस सुविधा के लिए विभाग न्यूनतम चार्ज लेगा, जो फिलहाल तय नहीं हुआ है। केंद्र में बच्चों के मनोरंजन, खेलने की भी सुविधा होगी।

शिशु पालन केंद्र का निर्माण स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। यह भवन विभाग को सुपुर्द होने के बाद यहां सरकारी और गैर सरकारी विभागों के साथ सिडकुल में ड्यूटी करने वाली महिलाओं के बच्चों की देखरेख हो सकेगी।-डॉ. अखिलेश मिश्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी, देहरादून

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