देहरादून: विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और युवा कांग्रेस (युकां) में कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत नहीं होने से नाराज कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी बगावत की तैयारी में हैं। युकां नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तर्ज पर युकां में भी एक से अधिक कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं, ताकि जातीय समीकरण का संतुलन बन सके। स्थिति इस कदर विस्फोटक हो चुकी है कि जल्द कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत नहीं किए जाने पर कुछ युकां नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं। वरिष्ठ युवा कांग्रेस के पदाधिकारी अपनी इस मांग से पार्टी हाइकमान को अवगत भी करा चुके हैं।
उत्तराखंड युवा कांग्रेस पहले ही दो धड़ों में बंटी है। करीब तीन साल पहले युकां के चुनाव हुए थे, जिसमें विक्रम रावत अध्यक्ष चुने गए थे। एक साल बाद ही वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर ने हाइकमान से नजदीकियों का लाभ उठाया और कार्यकारी अध्यक्ष बन गए। जिसके बाद युकां में गुटबाजी शुरू हो गई। इन सबके बावजूद कई वरिष्ठ युकां नेता लगातार प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन व युवाओं की मांगों को लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं। युवाओं का यही धड़ा प्रदेश में एक से अधिक कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत करने की मांग कर रहा है, ताकि जातीय समीकरण का संतुलन बिठाया जाए।
सुमित्तर भुल्लर सिख समुदाय से हैं। ऐसे में अन्य समुदाय ब्राह्मण, वैश्य व अनुसूचित जाति से भी प्रतिनिधित्व मिलने की आवाज लगातार उठ रही है। युकां के सूत्र बताते हैं कि वर्तमान में उत्तराखंड में कांग्रेस के नेता नाराज होकर भाजपा का दामन थाम रहे हैं। भाजपाई एक मजबूत रणनीति के तहत कांग्रेस के नेताओं को भाजपा में शामिल करवा रहे हैं। इसी के तहत युवा कांग्रेस में भी भाजपा सेंध लगाने तैयारी में है, क्योंकि युवा कांग्रेस में निरंतर एक धड़ा कांग्रेस हाइकमान से प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तर्ज पर युकां में भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहा है।
युवा कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी प्रदीप सूर्या का कहना है कि युकां के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने हाइकमान के समक्ष कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की मांग रखी थी। यह मामला विचाराधीन है। दो अक्टूबर को मैं स्वयं दून आ रहा हंू। इस संबंध में नाराज युकां नेताओं के साथ मंथन किया जाएगा।