बाहर से आकर बसे लोगों के संबंध में अब सिर्फ विवरण देने मात्र से ही काम नहीं चलेगा। मकान मालिकों, दुकानदारों आदि को उनके यहां रहने और काम करने वालों के दस्तावेज के साथ-साथ शपथपत्र भी देना होगा। पुलिस एक्ट की विभिन्न धाराओं में इस आशय का संशोधन करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव शासन को भेजा है।
मुख्यालय ने सत्यापन को और अधिक कड़ा करने का प्रस्ताव भेजा
बता दें, पुलिस एक्ट की धारा 53 (3) में व्यवस्था है कि कोई मकान मालिक उनके यहां रहने वाले किराएदारों, मजदूरों आदि का तय फार्मेट में विवरण पुलिस को देते हैं। यही सत्यापन का आधार बनता है। इसी के आधार पर किराएदार और मजदूरों के संबंधित थानों से सत्यापन कराया जाता है, लेकिन अब मुख्यालय ने इसे और अधिक कड़ा करने का प्रस्ताव भेजा है।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसके लिए पुलिस एक्ट की धारा 87 के अंतर्गत धारा 53 (3) के संबंध में नया नियम बनाए जाने की तैयारी है। मकान मालिक या दुकानदार मालिक और सार्वजनिक परिसर के स्वामी प्रारूप के तहत बाहर से आए लोगों का विवरण तो देंगे ही। साथ में उनके दस्तावेज सही हैं या नहीं इसके संबंध में एक शपथपत्र भी देंगे। यही नहीं इसके साथ मकान मालिक ही किराएदार व मजदूरों के माध्यम से आई उनके मूल थाने की रिपोर्ट भी देगा। इसमें पर्यटक शामिल नहीं होंगे।
सरकार ने भी दिए थे निर्देश
पिछले दिनों सरकार ने भी बाहर से आकर बसने वालों पर नजर रखने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में जिलों में एक निगरानी समिति गठित करने को भी कहा गया था। बताया जा रहा है कि बीते कुछ वर्षों में उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर बाहर से आए लोग काबिज हुए हैं। इसमें एक सम्प्रदाय का भी जिक्र किया गया था। वर्तमान में इसी के क्रम में सत्यापन अभियान चलाए जा रहे हैं। ताकि, संदिग्ध लोगों पर नजर रखकर कार्रवाई की जा सके।