किसानों का अपने हक़ के लिए आंदोलन में , आप का पूरा समर्थन, किसानों के साथ खडा है हर आप कार्यकर्ता – एस एस कलेर,आप प्रदेश अध्यक्ष

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आप पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एस एस कलेर ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि, किसान अपने हक़ के लिए महीनों से सड़कों पर आंदोलन कर रहा लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार पर इनके आंदोलन का कोई फर्क नहीं पड़ रहा बल्कि बीजेपी नेता इनके आंदोलन को कुचलने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही बल्कि साजिशन इनके आंदोलन को कुचलने और इनको बदनाम करने का काम कर रही है। आप अध्यक्ष ने कहा आप पार्टी इनके हकों के लिए इनके साथ खड़ी थी खड़ी रहेगी।

उन्होंने कहा कि, कल 6 फरवरी को किसानों का बडा समूह तीन कृषि बिलों के खिलाफ 3 घंटे का चक्का जाम करने जा रहा है ,इसके लिए सभी किसान संगठन एकमत हैं और एकजुट हैं। किसानों द्वारा हुई महापंचायत में ये तय किया गया था। लेकिन लगता है केंद्र किसानों को ऐसे ही सड़कों पर मरने के लिए छोड़ देना चाहती। आप अध्यक्ष ने कहा क्यूं नहीं केंद्र इन तीनों बिलों को वापिस लेकर किसानों के आंदोलन को खत्म नहीं करवा देती। आप अध्यक्ष ने कहा कि ,केन्द्र सरकार किसानों की दुश्मन बन चुकी है। तीनों कृषि बिलों को जबरन किसानों पर थोपने की कोशिश की जा रही है। कई किसान इस आंदोलन में अपनी जान गंवा चुके हैं। सभी किसान इन बिलों का विरोध कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार को इन बिलों में फायदा नजर आ रहा है।

आप अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र को एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए ताकि किसानों को उनकी फसल का समर्थन मूल्य मिल सके और उसे नुकसान में अपनी फसल ना बेचनी पडे। एमएसपी कानून से उसे कोई भी व्यापारी लूट नहीं सकेगा। आप अध्यक्ष ने कहा कि हम चाहते हैं कि अपनी फसल का मूल्य किसान तय करे ,ना कि सरकार और व्यापारी। उन्होंने केन्द्र पर निशाना साधा और कहा कि केन्द्र किसानों को लालच दे रहा है कि वो इन तीनों बिलों को 18 महीनों तक लागू नहीं करेंगे,लेकिन किसान साफ तौर पर समझ चुके कि ये काले कानून एक कैंसर की तरह हैं और किसी भी बीमारी के इलाज के लिए इतने लंबे समय का इंतजार नहीं किया जाता। अगर एमएसपी पर कानून नहीं बनता तो इसका असर ग्राहक पर भी पडेगा। बडा व्यापारी अपनी मर्जी से किसानों की उपज बाजारों में बेचेगा और इसका असर किसान और ग्राहक दोनों पर भी पडेगा। केन्द्र को एमएसपी के साथ मैक्सिमम सपोर्ट प्राईस भी निर्धारित करनी चाहिए ताकि कोई भी व्यापारी और उद्योगपति इन उपज को मंहगे दाम में ना बेच पाए।

आप अध्यक्ष ने कहा कि सरकार इन बिलों में किसानों का नहीं बल्कि अपना हित देख रही है। इन बिलों को किसानों पर लादने का मतलब है कि ,किसानों को उन्हीं के खेत खलिहानों में गुलाम बना दिया जाए। केन्द्र सरकार आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत की बात कर रही है, लेकिन दूसरी ओर किसानों को जीते जी मरने को छोड दिया गया है। पहाड से लेकर मैदानी इलाकों में ठंड का प्रकोप लगातार बढ रहा है ,लेकिन अभी भी किसानों की सरकार सुध नहीं ले रही है। किसान सड़कों पर मर रहा है। आखिर केन्द्र सरकार चाहती क्या है।

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