किसानों को दी लौकी, खीरा, करेले की पौध

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विकासनगर। भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान और कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी की ओर से तैयार लौकी, खीरा और करेले की पौध साहिया और उत्पाल्टा में किसानों को वितरित की गई। भारतीय मृदा एंव जल संरक्षण संस्थान देहरादून की ओर से पौध का वितरण कर परियोजना समन्वयक व प्रधान विज्ञानी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित किया। उन्होंने कुकुरविट समूह की सब्जियों के उत्पादन से किसानों से आय बढ़ाने को प्रेरित किया।

परियोजना पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों की आय में वृध्दि के लिए संसाधन संरक्षण अभियान के अंतर्गत साहिया और उत्पाल्टा में उन्नत किस्मों की सब्जियों लौकी, खीरा व करेले आदि की थैलीनुमा पौध का वितरण किया। इस दौरान प्रधान विज्ञानी डॉ. जगमोहन सिंह तोमर ने किसानों से कहा कि कुकुरविट समूह की सब्जियों को उगाकर किसान अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।

कुकुरविट समूह की सब्जियां पोष्टिक आहार के साथ-साथ प्रतिरोधक क्षमता में सहायक होती है। उन्होंने तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि प्लांट का आकार बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए। कंकड़, पत्थर चुनकर गोबर की सड़ी हुई खाद को मिट्टी के साथ मिलाकर पौधे का रोपण करें। पौध रोपण के तुरंत बाद अच्छी तरह से सिचाई करनी चाहिए, जिसके बाद निश्चित समय अंतराल में सिचाई की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। कार्यक्रम के तहत विज्ञानी डॉ. राजेश कौशल और तकनीकी सहायक रविश कुमार ने किसानों को खेती से जुड़ी जानकारी लेने के लिए उत्पाल्टा के वाट्सएप समूह के माध्यम से भी जुड़ सकते हैं। इस मौके पर सुनील राय, राजेन्द्र राय, सतपाल राय, प्रवीन सिंह चौहान, श्याम सिंह राय, गंगा सिंह राय व बिल्लू आदि किसान मौजूद रहे।

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