पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किसानों के साथ चाय पर चर्चा करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि किसान कृषि कानूनों का लगातार विरोध कर रहे हैं और उन्हें रोकने के लिए सरकार हिटलरशाही पर उतर आई है।
थिथकी गांव में किसानों के साथ चाय पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों पर अत्याचार करने पर तुली हुई है। भाजपा अपने गुंडों से किसानों को पिटवा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे हैं।
रावत ने कहा कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की किसानों को गारंटी देनी चाहिए। साथ ही इसके लिए अलग से एक कानून बनाना चाहिए। हरीश रावत ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर किसानों पर हो रहे अत्याचार की वह निंदा करते हैं।
अत्याचार बंद कर सरकार को किसानों के लिए बड़ा दिल दिखाना चाहिए। कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है और उनके सुख-दुख में पार्टी साथ है।
उत्तराखंड में यदि कांग्रेस की सरकार आती है तो लोकायुक्त की नियुक्ति होगी और कांग्रेस सरकार आने पर किसानों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी। इस अवसर पर राजपाल सिंह, पूर्व दर्जाधारी आदित्य राणा, राव आफाक अली, सेठपाल परमार, सुशील राठी, बाबूराम सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।