किसान नेता राकेश टिकैत पहँचे देहरादून।
मीडिया से कर रहे बातचीत,
उत्तराखंड के किसान और उनकी एमएसपी को लेकर उठाये सवाल।
क्या उत्तराखंड के किसानों को मिल रही यहां की फसलों की एमएसपी।
कृषि कानून पर उठाए सवाल, जब कानून बनते ही उसमे बदलाव करने की पड़ी जरूरत,तो कैसा कानून।
उत्तराखंड में भी हिमांचल की तरह भू कानून का किया समर्थन।
सीमाओं के गावो पर पलायन रोकने की बने नीति।
उत्तराखंड में भी एमएसपी लागू हो,गन्ना किसानों का भुकतान हो।
उत्तराखंड सरकार ने अगर ये काम नही किया तो यहां की सरकार भी आंदोलन के लिए तैयार रहे।
केंद्र को भी चेतावनी, बिना कानून वापसी के कोई और विकल्प नही।
मुख्यमंत्री बदलने पर भी उठाए सवाल,ये सिर्फ मुख्यमंत्री बदलने में लगे हैं।
चुनाव में जो भी किसानों की बात करेगी उसका करेंगे समर्थन।
चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा,वो बाद कि बात।
ये कम्पनी की सरकार,ये देश बचाने के लिये युवाओ को आगे आना पड़ेगा।
गुजरात मॉडल पर उठाए सवाल,60 गाँव की जमीन रिलायंस को दे दी गयी।
कोर्ट में भी हराया गया,कैमरा और कलम पर पहरा है।
यहां के सरकार को सुधारने के लिए 8 दिन काफी,
भाजपा हिन्दू मुस्लिम की करती है राजनीति।
सन्तो से भगवा रंग भी चुरा दिया।