देहरादून। कोरोना काल के चलते अपना अस्तित्व बचाने और आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए इधर-उधर हाथ पांव मार रहा उत्तराखंड रोडवेज अपनी कुरियर सेवा शुरू करने की तैयारी कर रहा है। रोडवेज कर्मचारी यूनियन के इस सुझाव को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। कर्मचारियों की ओर से चारधाम यात्रियों के पंजीकरण और यात्र की बुकिंग की जिम्मेदारी रोडवेज को सौंपने की मांग भी सरकार से की गई। इस पर अपर मुख्य सचिव ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
रोडवेज निदेशक मंडल के अध्यक्ष पद का दायित्व मिलने के बाद अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी पिछले एक हफ्ते से रोडवेज की आर्थिक स्थिति सुधारने और कर्मचारियों से जुड़ी समस्याओं के निराकरण पर मंथन कर रही हैं। इस संबंध में वह रोडवेज के सभी कर्मचारी संगठनों से मुलाकात कर रहीं और उनसे सुझाव भी ले रहीं। मंगलवार को इसी कड़ी में उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों के साथ उन्होंने वार्ता की। सचिवालय में हुई वार्ता में सचिव परिवहन शैलेश बगोली व रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान समेत वित्त विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। वहीं, यूनियन से प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी, कार्यवाहक अध्यक्ष योगेश शर्मा और उपमहामंत्री हरेंद्र कुमार समेत मंडलीय मंत्री केपी सिंह मौजूद रहे।
पंद्रह करोड़ के आदेश, मिलेगा वेतन
मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार सचिव परिवहन ने मंगलवार को रोडवेज की मदद के लिए 15 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। यह राशि दो-तीन दिन में रोडवेज को मिल जाएगी। अपर मुख्य सचिव के साथ बैठक के दौरान कर्मचारी यूनियन ने भी यह मुद्दा उठाया था। रोडवेज कर्मचारियों को गत तीन माह से वेतन नहीं मिला है। अब सरकार से मिली मदद से उन्हें मई का वेतन मिलेगा।
यूनियन की मांगों पर अपर मुख्य सचिव की सहमति
- बसों पर सूचना विभाग से सरकार की योजनाओं के विज्ञापन चस्पा किया जाएंगे। जिसके लिए रोडवेज को भुगतान होगा।
- देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, कोटद्वार, रुड़की, रामनगर, काशीपुर, हल्द्वानी, रुद्रपुर व टनकपुर से संचालित डग्गामार वाहनों पर नकेल को संयुक्त चेकिंग कर इन्हें सीज करने की कार्रवाई होगी।
- उत्तर प्रदेश से बाजार मूल्य के हिसाब से परिसंपत्तियों के बंटवारे की रकम दिलाने को न्यायालय के आदेश के क्रम में शासन स्तर पर संपत्तियों का मूल्य आंकने के लिए अधिकृत मूल्यांकनकत्र्ता नियुक्त होगा।
- उत्तर प्रदेश रोडवेज द्वारा उत्तराखंड को यात्री कर न देने के मामले में उत्तर प्रदेश से वसूली के बाद पुन: बस संचालन सामान्य किया जाएगा।
- कैबिनेट के फैसले के अनुसार 30 प्रतिशत से अधिक सदस्यों वाली यूनियन को मान्यता दी जाएगी।
- रोडवेज की संपत्तियों का व्यावसायिक उपयोग करने के लिए पुराने बस अड्डे व गांधी रोड स्थित मंडल कार्यालय की जमीन को बाजार मूल्य पर एमडीडीए से खरीदने का प्रस्ताव दिया जाएगा।
- आइएसबीटी का स्वामित्व रोडवेज को दिलाने एवं पुरानी कार्यशाला में बनने वाली ग्रीन बिल्डिंग का एक फ्लोर रोडवेज को देने का प्रस्ताव एमडीडीए बोर्ड बैठक में लाया जाएगा।
- सेवानिवृत्त पदाधिकारियों वाली यूनियनों से वार्ता नहीं की जाएगी।
- टू-टायर व्यवस्था लागू होगी और कम बसों वाली कार्यशालाओं का समायोजन बड़ी कार्यशालाओं में किया जाएगा।
- बस बेड़ा दो हजार किया जाएगा और चार सौ अनुबंधित बसों के जरिए प्रदेश में चार अनुबंधित बस डिपो बनाए जाएंगे। इन बसों से पर्वतीय मार्गो पर बस संचालन के जरिए डग्गामार वाहनों पर अंकुश लगेगा।
पुलिस से विवाद होगा खत्म
रोडवेज बसों में मुफ्त में यात्र करने को लेकर रोडवेजकर्मियों और पुलिसकर्मियों में होने वाला विवाद जल्द खत्म होगा। मौजूदा परिस्थिति में रोडवेज में पुलिसकर्मी मुफ्त में सफर नहीं कर सकते, लेकिन अकसर ऐसी शिकायतें मिली हैं कि पुलिसकर्मी इस बात पर परिचालक से विवाद करते हैं। बैठक में यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार प्रदेश में 14 जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत विभिन्न श्रेणी में रोडवेज बसों में मुफ्त यात्र कराती है। इसके लिए एकमुश्त रकम रोडवेज को दी जाती है। यदि इस योजना में पुलिस को भी शामिल कर दिया जाए तो वे बिना विवाद बसों में मुफ्त यात्र करेंगे और रोडवेज की आय में बढ़ोत्तरी होगी। अपर मुख्य सचिव ने पुलिस महानिदेशक से इस संबंध में वार्ता कर शीघ्र यह व्यवस्था लागू कराने की सहमति दी।