देहरादून। गुरूवार को सचिवालय में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा कृषि विभाग की प्राथमिकता के कार्यों/योजनाओं की समीक्षा की गई।
बैठक में क्रमवार तरीके से सर्वप्रथम कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्बन्धित प्रकरण में आवश्यक निर्देश दिये गये। पूर्व में यह निर्णीत हुआ था कि नौथा ऐग्रो कलस्टर के प्रारम्भिक कार्यों के लिए रू0 4.00 करोड़ की धनराशि औद्यानिकी विपणन बोर्ड से अवमुक्त की जायेगी। इसमें विलम्ब पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त की गई एवं तत्काल धनराशि अवमुक्त किये जाने की अपेक्षा की गई है।
प्रसंस्करण नीति के तहत नवीकरण (Refurbish Machinery) मशीन को अनुमति पर राज्य सरकार का मत स्थिर है। पर्वतीय क्षेत्रों में इससे प्रसंस्करण इकाईयां आकर्षित हो सकेंगी। औद्यानिकी/कृषि के फल/फसलों को ओालावृष्टि से बचाव के उद्देश्य से काश्तकारों को बेहतर तरीके से आच्छादन एवं मधु-उत्पादन के एकाधिक मामलों में वित्त विभाग से समन्वयन का निर्देशन किया गया।
राज्य में नाबार्ड के सहयोग से संचालित कार्यों/योजनाओं के तहत आराकोट में शीतायन गृह व चाय विकास योजना की समीक्षा करने पर इन्हें त्वरित गति से आगे बढायें जाने के कृषि मंत्री उनियाल ने निर्देश दिये। नाबार्ड की ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF) में अधिक से अधिक संयत प्रस्ताव गठित कर योजनाओं का लाभ उठाये जाने पर सहमति कायम हुई।
ग्रामीण परिवेश में हाट बाजार की आवश्यकता का विभाग से कराये जाने का निर्देश दिया गया है।
बैठक में कृषि मंत्री o उनियाल ने कृषि औद्यानिकी से जुड़े विभाग को सर्वाधिक राहत देने वाला विभाग बताते हुए इसकी सार्थकता को दर्शाया। कोरोना संक्रमण काल में इस क्षेत्र से ही सर्वप्रथम छूट का सिलसिला प्रारम्भ हुआ था। कृषक हित में लाये गये बिलों से किसान बिरादरी को दीर्घकालिक लाभ मिलने की उम्मीद जताई गई।