केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के साथ बजट बैठक में मांगा 2000 करोड़ रूपये का ग्रीन बोनस

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निर्मला सीतारमण
देहरादून। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में बजट पूर्व बैठक में प्रदेश की ओर से 2000 करोड़ रुपये का ग्रीन बोनस जारी करने, 2021 के महाकुंभ और 2020 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए वित्तीय व्यवस्था करने का आग्रह किया है।

बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से शामिल वन मंत्री हरक सिंह ने राज्य को कूड़ा मुक्त करने के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित करने को बजट में वित्तीय संसाधन देने की मांग की। हरक ने कहा कि चार धाम यात्रा मार्गों पर विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध के लिए 500 करोड़ की केंद्रीय सहायता उत्तराखंड को दी जाए।

पर्वतीय क्षेत्रों में घर बनाने की लागत 4.5 लाख से अधिक है। प्रधानमंत्री आवास योजना में केंद्र का अंश प्रति घर 1.50 लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया जाए। ग्राम स्वराज अभियान में राज्य को 100 करोड़ देने, हरिद्वार तथा ऋषिकेश को आयकोनिक सिटी बनाने, गौरी कुंड से केदारनाथ, नैनीताल, गोविंद घाट से हेमकुंड के लिए रोप-वे तथा पार्किंग के विकास के लिए 500 करोड़ का प्रस्ताव रखा है।

हरक ने वाटर हार्वेस्टिंग, रिचार्जिंग तथा पेयजल आपूर्ति के लिए नई योजना शुरू करने, मनरेगा में श्रम सामग्री अनुपात 60ः40 के बजाय 50ः50 करने, बीएडीपी में बजट बढ़ाने, आपदा न्यूनीकरण में नई केन्द्रीय योजना शुरू करने की मांग की। हरक ने कहा कि केंद्र सरकार की वृद्धावस्था पेंशन 200 से बढ़ाकर 1000 रुपये की जाए। उत्तराखंड में चार करोड़ की लागत से बने डाटा सेंटर को ग्रीन सेंटर बनाने के लिए केंद्र से 100 करोड़ की अनुदान की मांग की गई।

प्रदेश सरकार के खाते में आए 250 करोड़ रुपये
बुधवार को प्रदेश सरकार को 250 करोड़ रुपये का बाजार ऋण मिल गया। इसके साथ प्रदेश सरकार को 750 करोड़ का ऋण अब तक मिल चुका है। जीएसटी के तहत करीब 600 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति होने से अब वित्त विभाग बहुत हद तक राहत भी महसूस कर रहा है।

शासन के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश सरकार की ओर से 250 करोड़ रुपये के बाजार ऋण की अनुमति रिजर्व बैंक से मांगी गई थी। इसकी अनुमति रिजर्व बैंक से मिलने के बाद बुधवार को यह पैसा प्रदेश सरकार के खाते में आ गया। इससे पहले दिसंबर माह में ही प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये बाजार से ऋण लिया था। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक इस वित्तीय वर्ष में 2350 करोड़ रुपये का ऋण लिया जा चुका है। रिजर्व बैंक की ओर से प्रदेश के लिए करीब 6195 करोड़ रुपये की सीमा तय की गई है।

कुछ समय पहले ही कैग की रिपोर्ट से यह सामने आया था कि कर्ज का ब्याज चुकाने तक के लिए प्रदेश सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। इस बीच सरकार को जीएसटी के तहत केंद्र से 600 करोड़ की प्रतिपूर्ति भी हो गई है। राज्य कर आयुक्त सौजन्या के मुताबिक यह राशि भी प्रदेश को मिल चुकी है। अभी करीब 600 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति होनी बाकी है।

टिहरी झील विकास प्रोजेक्ट के लिए 1200 करोड़ की मंजूरी
केंद्र सरकार ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) वित्त पोषित 1200 करोड़ की टिहरी झील विकास परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के माध्यम से नई टिहरी क्षेत्र में पर्यटन और साहसिक गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। पर्यटकों की सुविधा के लिए होटल, रिजार्ट, रिंग रोड समेत अन्य अवस्थापना विकास के कार्य किए जाएंगे।

टिहरी झील को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने 1200 करोड़ का टिहरी लेक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। इस प्रस्ताव को केंद्र की स्वीकृति मिलने के बाद एडीबी से फंडिंग की जाएगी। प्रोजेक्ट के तहत टिहरी झील में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के साथ ही पर्यटकों के ठहरने के लिए फाइव स्टार होटल, रिजार्ट के साथ रिंग रोड समेत पर्यटन संबंधित कार्य किए जाएंगे।

सरकार का मानना है कि टिहरी झील पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। यहां देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है। डोबरा चांठी पुल के निर्माण के बाद टिहरी के दोनों को पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे पर्यटकों को अधिक सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

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