देहरादून। विधानसभा सत्र के पांचवे दिन आज सीएजी (कैग) ने त्रिवेन्द्र सरकार की पहली वित्तीय रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी। कैग द्वारा पेश की गयी वित्तीय रिपोर्ट में राज्य की वित्तीय सेहत के अत्यन्त खराब होने की बात कही गयी है। कैग का मानना है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो सरकार को आने वाले समय में लिए गये कर्ज का ब्याज तक चुकाना मुश्किल हो जायेगा। रिपोर्ट में घटती राजस्व प्राप्तियों व बढ़ते वित्तीय घाटे पर चिंता जताते हुए कहा गया है कि यह स्थिति राज्य के भविष्य के लिए कतई अच्छी नहीं है।
कैग द्वारा आज सदन के पटल पर रखी गयी रिपोर्ट में राज्य सरकार के खराब वित्तीय प्रबन्धन पर कहा गया है कि 2014-15 में जो राजस्व घाटा 383 करोड़ था वह अब बढ़कर 2017-18 तक 7 हजार 9 सौ करोड़ से ऊपर पहुंच गया है। खास बात यह है कि इस वित्तीय घाटे में पिछले एक साल में 70 फीसदी वृद्धि हुई है। राज्य सरकार अपना काम चलाने के लिए लगातार लोन और ऋण लेती रही है। सरकार के सर पर 50 हजार करोड़ से अधिक का ऋण है जिसे चुकाने के लिए उसे हर साल 4 हजार 4 करोड़ रूपये चुकाने होगें। कैग की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि लगातार बढ़ते वित्तीय घाटे और घटती राजस्व प्राप्तियों के कारण राज्य की वित्तीय सेहत दिनों दिन खराब होती जा रही है।
अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है तो आने वाले समय में सरकार को उस ऋण का ब्याज चुकाना भी मुश्किल हो जायेगा। कैग की रिपोर्ट में राज्य सरकार के वित्तीय प्रबन्धन पर गम्भीर सवाल उठाये गये है तथा राज्य सरकार को अपनी आय के संसाधन बढ़ाने व खर्चे घटाने की हिदायत दी गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की अनुपातिक आय में लगातार कमी हो रही है जबकि खर्चो में वृद्धि हो रही है। बैकिंग प्रबन्धन पर भी कैग द्वारा सवाल उठाये गये है साथ ही यह भी कहा गया है कि कई विभागों द्वारा कैग को आंकड़े उपलब्ध नहीं कराये गये है।