राज्य कैबिनेट की बैठक आज है। इसमें चारधाम देवस्थानम प्रबंधन एक्ट, नजूल भूमि समेत कई प्रस्तावों पर मुहर लगने की संभावना है।
नौ अक्तूबर से शीतकालीन सत्र शुरू
देवस्थानम बोर्ड को लेकर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट पर मंत्रिमंडल उप कमेटी की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्ट वापस लेने की घोषणा की थी। नौ अक्तूबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में देवस्थानम प्रबंधन एक्ट का विधेयक समाप्त करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव आ सकता है।
इसके अलावा नजूल नीति के मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद मंत्री बंशीधर भगत ने इसे इसी कैबिनेट में लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। इसके लिए तैयारी की जा रही है। कैबिनेट की बैठक में लाने के बाद विधानसभा सत्र में अध्यादेश लाया जाएगा। वहीं, कई अन्य विभागों के प्रस्ताव भी कैबिनेट बैठक में आ सकते हैं। बैठक शाम को करीब पांच बजे सचिवालय स्थित कक्ष में होगी।
कैबिनेट के फैसले के बाद भी गेस्ट टीचरों की सेवाएं हो रही समाप्त
प्रदेश में गेस्ट टीचरों के पदों को खाली न माने जाने के कैबिनेट के फैसले के बाद भी कुछ गेस्ट टीचरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इससे गेस्ट टीचरों में नाराजगी है। उनका कहना है कि सरकार ने यदि उनके सुरक्षित भविष्य के लिए कोई ठोस कदम न उठाया तो संगठन इसके विरोध में आंदोलन को बाध्य होगा।
अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री दौलत जगुड़ी के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहली कैबिनेट में गेस्ट टीचरों के हित में तीन बड़े फैसले लिए गए थे। कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया गया कि गेस्ट टीचरों का मानदेय 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया जाएगा। उनके पदों को खाली नहीं माना जाएगा। इसके अलावा उनकी गृह जिलों में तैनाती की जाएगी, लेकिन अब तक तीन में से मात्र एक फैसले पर अमल हुआ है।
गेस्ट टीचरों का मानदेय 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया गया। जबकि अन्य दो प्रस्तावों पर अमल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गेस्ट टीचरों के पद खाली न माने जाने के कैबिनेट के फैसले के बावजूद उत्तरकाशी और पौड़ी में कुछ गेस्ट टीचरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। नियमित नियुक्ति के शिक्षक आने से उनकी सेवाएं समाप्त की गई।
अतिथि शिक्षक संगठन के पूर्व अध्यक्ष राजेश धामी ने कहा कि वर्तमान में एलटी पदों पर वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति हो रही हैं। जिससे गेस्ट टीचर प्रभावित हो रहे हैं। पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक में अतिथि शिक्षक की जगह नियमित शिक्षक की तैनाती कर दी गई है। इसके अलावा उत्तरकाशी के नौगांव और चमोली जिले में भी गेस्ट टीचरों की सेवाएं प्रभावित हुई हैं।