देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब के फिरोजपुर दौरे के दौरान बड़ी चूक होने से भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं ने देहरादून के एशले हाल स्तिथ कांग्रेस भवन के आगे जमकर आक्रोश प्रदर्शन किया।
वहीं प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ता “नरेंद्रा मोदी का अपमान’ नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे” के नारे लगाते नजर आए।
कल प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के बाद आज प्रदेश भाजपा ने कांग्रेस भवन के सामने जोरदार प्रदर्शन किया और पुतला फूंका,मामला इतना बढ़ गया कि कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं में आपस मे तीखी नोक झोंक हो गयी,मौके पर बढ़ती तनातनी के चलते पूरा पुलिस बल तैनात रहा इतना ही नही जवाब में कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री मोदी का पुतला भाजपा के सामने जलाया,कांग्रेस ने बीजेपी के इस कदम की घोर निंदा की और प्रशासन पर भी सवाल उठाये और आरोप लगाया कि प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहा है तभी भाजपा की इतनी हिम्मत बढ़ गयी कि वो इस तरह से मनमर्जी करने लग गयी है।
बुधवार को पंजाब में ऐसी घटना हुई, जो भारत के इतिहास में इससे पहले शायद कभी नहीं हुई। पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी को एक कार्यक्रम में जाना था। लेकिन रास्ते में कुछ आंदोलनकारियों ने उस सड़क को ब्लॉक कर दिया, जहां से प्रधानमंत्री गुजर रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री का काफिला 20 मिनट तक खुली सड़क पर ट्रैफिक के बीच फंसा रहा और उनके सुरक्षाकर्मी सड़क खुलवाने की कोशिश करते रहे, और आखिर में जब सड़क नहीं खुली तो प्रधानमंत्री मोदी को बिना कार्यक्रम में हिस्सा लिए ही वहां से लौटना पड़ा। ये प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक अभूतपूर्व चूक है, जिसकी वजह से उनकी जान भी जा सकती थी। इसीलिए उन्होंने वापस आते हुए हवाई अड्डे के कर्मचारियों को ये कहा कि अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना कि मैं यहां से जिंदा लौट पाया। हमें लगता है कि पंजाब में जो कुछ भी हुआ, ये एक खतरनाक परंपरा की शुरुआत है।
पीएम के साथ हो सकती थी अनहोनी
बुधवार को प्रधानमंत्री के काफिले की स्थिति ऐसी थी कि उन पर कोई जानलेवा हमला हो सकता था। गाड़ी पर पथराव हो सकता था और यहां तक कि कोई आत्मघाती हमला भी हो सकता था। आइए जानते हैं कि ये महज सुरक्षा की एक चूक थी या कांग्रेस की सरकार उनका अपमान कराना चाहती थी या फिर ये उनकी हत्या की साजिश थी?
देश ने ऐसे ही खोए दो प्रधानमंत्री
खास बात ये है कि ये जगह पाकिस्तान से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर है और जब प्रधानमंत्री का काफिला 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर फंसा रहा तो आसपास मौजूद सैकड़ों लोगों ने अपने मोबाइल फोन से उनका वीडियो शूट किया। बड़ी बात ये है कि इतनी पास से कोई उन्हें असलियत में भी शूट कर सकता था। भारत ने अपने दो प्रधानमंत्रियों को ऐसे ही खोया है और ये दोनों ही प्रधानमंत्री कांग्रेस के थे। इंदिरा गांधी की हत्या पंजाब की खालिस्तानी ताकतों ने की थी और राजीव गांधी की हत्या एक और आतंकवादी संगठन LTTE ने की थी। इसके बावजूद कांग्रेस इस इतिहास को भूल गई और आज कांग्रेस के ही कुछ नेता इस पूरे घटनाक्रम पर तालियां बजा रहे हैं।
पंजाब सरकार की मंशा पर खड़े हो रहे सवाल!
सबसे बड़ी बात ये है कि इस घटना ने पंजाब की सरकार और उसकी मंशा पर बहुत खतरनाक सवाल खड़े किए हैं। हाल ही में भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को नक्सलियों की एक ऐसी चिट्ठी मिली थी, जिसमें लिखा था कि प्रधानमंत्री मोदी की हत्या ऐसे ही सड़क पर घेर कर की जाएगी और किसान आंदोलन में नक्सलियों के Footprints साफ नजर आते हैं।