कोटडा कल्याणपुर में मकान को जमीन में धंसे जिसने भी देखा, उसकी आंखें खुली की खुली रह गई

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विकासनगर। देहरादून में सहसपुर थाना क्षेत्र के कोटडा कल्याणपुर बिरसनी में जिसने भी पुराने मकान को पूरी तरह से जमीन के अंदर धंसे देखा, उसकी आंखें खुली की खुली रह गई। इस घटना के बाद से आसपास के ग्रामीण भी सहमे हुए हैं।

राजेश थापली करीब बारह साल पहले बटोली गांव से यहां पर आकर बसे थे। यहां पर अपने खेत पर ही एक कमरा, किचन व शौचालय का निर्माण कराया था। इसी पुराने मकान का लिंटर बढ़ाकर नए मकान का निर्माण कार्य करा रहे थे। राजेश की योजना थी कि निर्माण पूरा करने के बाद भूतल को हालनुमा शल्क दे देगा।

मजदूरों ने छलांग लगाकर बचाई जान

जिस समय मकान धंसने लगा, चार मजदूरों ने अनिष्ठ की आशंका को भांपकर भागकर जान बचाई। पूर्व प्रधान राजपाल सिंह और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर ने मजदूरों से घटना की जानकारी ली। मजदूरों ने बताया कि वह प्रथम तल में प्लास्टर कर रहे थे कि अचानक एक हिस्सा धंसने जैसा लगा, झटका लगने पर वह अनिष्ठ की आशंका देखकर भाग निकले और छत से ही नीचे छलांग लगा दी। जैसे ही वह नीचे पहुंचे कि अचानक पुराना मकान नीचे धंसता चला गया।

रेस्क्यू में नए मकान को गिरने से रोकने के लिए लगाई गई चार जेसीबी मशीनें

एसडीआरएफ व पुलिस की टीम ने मौके पर जाकर देखा तो वह भी अचंभित रह गए कि किस तरह से नीचे का मकान धंसा। नए मकान को नीचे गिरने से बचाने के लिए चार जेसीबी मशीनों को चारों तरफ लगाया गया। रेस्क्यू टीम में शामिल थानाध्यक्ष सहसपुर नरेंद्र गहलावत ने बताया कि रेस्क्यू टीम को सबसे पहले अपने को सुरक्षित करना था, क्योंकि जिस जगह पर मकान बना हुआ था, वह जमीन काफी दलदली थी, जब मौके पर जेसीबी लेकर आए तो वह भी धंसने लगी थी।

इसी के चलते जेसीबी मशीन के पहिए के नीचे ईंटों का जाल बिछाकर मशीनों को खड़ा किया गया, जिस तरह से मकान धंस रहा था, उससे रेस्क्यू टीम को भी खतरा था। ऊपर के नए मकान को किसी तरह से रोककर नीचे सुरंग बनाकर रेस्क्यू कार्य किया गया। आरव अंदर के कमरों के गिरे मलबे के अंदर पूरी तरह से दबा होने की वजह से बच नहीं पाया। रेस्क्यू करने में ज्यादा समय लगने की वजह दलदली मिट्टी, ऊपर के मकान को रोके रखने व रेस्क्यू कर रहे सदस्यों के सुरंग के अंदर जाकर पूरी सावधानी से मलबा हटाना रही।

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