कोरोना काल के कारण धीमी पड़ी कौशल विकास योजना की रफ्तार

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देहरादून। प्रदेश में इस वर्ष कौशल विकास योजना की रफ्तार कोरोना के कारण बेहद धीमी रही है। बीते वर्ष जहां 15 हजार से अधिक युवाओं को इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित किया गया था, इस वर्ष यह संख्या मात्र 4450 पर सिमट कर रह गई है।

प्रदेश में बीते कुछ वर्षों से सरकार ने कौशल विकास पर विशेष जोर दिया है। इसका मकसद युवाओं को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करना है। दरअसल, प्रदेश में तेजी से हो रहे पलायन के कारणों की जब पड़ताल की गई, तब यह बात सामने आई कि रोजगार के कारण युवा तेजी से गांव छोड़ रहे हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने कौशल विकास से जुड़ी योजनाओं पर विशेष फोकस करना शुरू किया। इस समय प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और विश्व बैंक पोषित उत्तराखंड वर्क फोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है।

इन योजनाओं में 2022 तक राज्य के एक लाख युवाओं को उन ट्रेडों में पारंगत किया जाना है, जिनमें उनकी रुचि है। इसके लिए करीब 31 ट्रेड में 577 पाठ्यक्रम निर्धारित किए गए हैं। युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं, जहां विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से युवाओं के कौशल में वृद्धि की जा रही है। इस साल कोरोना ने इस योजना पर खासा असर डाला है, जिससे इसके वर्ष 2022 तक एक लाख युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लक्ष्य को झटका लगा है।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर नजर

जिला——प्रशिक्षण(2019)- प्रशिक्षण(2020)
अल्मोड़ा——1428—————-289
बागेश्वर——-117—————-188
चमोली——–84——————–99
चंपावत——–287—————-140
देहरादून——–3181————–371
हरिद्वार——-1879————–618
नैनीताल——-2865————-770
पौड़ी————875—————311
पिथौरागढ़—–367—————-81
टि.गढ़वाल—–838—————89
यूएस नगर—-3059————1409
उत्तरकाशी—-261—————-85
योग———–15241——–4450

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