देहरादून। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए कोविड अस्पतालों में बेड बढ़ाने के साथ निजी अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। जिन अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड नहीं हैं, वहां भी बेड की व्यवस्था की जाएगी।
एनआइसीयू और पीआइसीयू पर स्वास्थ्य विभाग का ध्यान
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 0-19 आयु वर्ग के लिए अस्पतालों में बेड तैयार हो रहे हैं। एनआइसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) और पीआइसीयू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) में बेड बढ़ाए जा रहे हैं। बच्चों के लिए कोविड डेडिकेटेड बेड की संख्या दो हजार तक ले जाने की तैयारी है। दून के श्री महंत इंदिरेश अस्पताल और जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल में भी 50 बेड एनआइसीयू व पीआइसीयू के तैयार करने को कहा गया हैं। इसके अलावा वैश्य नर्सिंग होम, सिनर्जी, मैक्स और कैलाश अस्पताल को एनआइसीयू व पीआइसीयू के 30 बेड आरक्षित रखे जाएंगे।
डॉ. अशोक कुमार (विभागाध्यक्ष बाल रोग, दून मेडिकल कॉलेज) का कहना है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक होने की आशंका तीन वजहों से जताई जा रही है। इसमें सबसे बड़ी वजह वायरस का लगातार म्यूटेट होना है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी बेड की संख्या को बढ़ाया जा रहा है।
डॉ. दिनेश चौहान (एसीएमओ, देहरादून) का कहना है कि बच्चों में संक्रमण की आशंका को देखते हुए दून अस्पताल में बेड बढ़ाने की तैयारी तेज कर दी गई है। निजी अस्पतालों में भी बेड आरक्षित किए जा रहे हैं। शहर के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में व्यवस्था परखी गई है। उसी अनुरूप प्लान तैयार हो रहा है।