उत्तराखंड में आधी अधूरी तैयारी के साथ आज से नौंवी से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खुल गए हैं। छात्र-छात्राओं को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्कूलों में प्रवेश दिया गया। वहीं कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर ही बैठने की व्यवस्था की गई है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी छात्र-छात्रा मास्क पहन कर स्कूल में प्रवेश करें।कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण लॉकडाउन होने से स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सोमवार को कई माह बाद स्कूल खुलने से छात्र-छात्राओं के चेहरे पर खुशी और उत्साह दिखाई दिया।
आनन-फानन स्कूल खोलने के आदेश तो हो गए, लेकिन इन स्कूलों के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। स्कूलों के पास सैनिटाइजेशन करवाने तक के लिए अलग से फंड की व्यवस्था नहीं है। प्रदेश में स्कूल खोले जाने को लेकर शासन की ओर से एसओपी जारी की गई थी।
शिक्षा सचिव ने निर्देश दिए थे कि बोर्डिंग एवं डे-बोर्डिंग स्कूलों में आवासीय परिसर में निवास करने वाले छात्र-छात्राओं एवं स्कूल स्टाफ को अधिकतम 48 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी जरूरी होगी। इसके बाद ही उन्हें स्कूल में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
जबकि बोर्डिंग एवं डे बोर्डिंग स्कूलों के प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, समस्त शिक्षक, कर्मचारी, मैट्रन, आवासीय परिसर के समस्त स्टाफ एवं स्कूल में अन्य सेवाओं से जुड़े हुए समस्त कर्मचारियों की वैक्सीनेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। लेकिन अभी तक शत प्रतिशत शिक्षकों का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है। कुछ स्कूलों के मुताबिक विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीनेशन के लिए 31 जुलाई को पत्र लिखा गया है। एक अगस्त को रविवार होने की वजह से वैक्सीनेशन नहीं हुआ।
बच्चों के लिए स्कूल को करनी होगी मास्क की व्यवस्था
शासन की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई छात्र बिना मास्क स्कूल आता है तो ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल को मास्क की व्यवस्था करनी होगी। स्कूल खुलने के दौरान सभी शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
इतने स्कूल खुले आज से
प्रदेश में आज नौंवी से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खुल गए हैं। इसमें सरकारी और निजी हाईस्कूलों की संख्या 1354 है। जबकि 2479 इंटरमीडिएट कॉलेज हैं। इनमें करीब तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
छात्रों को लाना होगा अभिभावकों का सहमतिपत्र
फिलहाल, स्कूल में उन छात्रों को ही प्रवेश मिल रहा है, जिनके पास अभिभावकों का सहमतिपत्र है। साथ ही छात्रों और शिक्षकों को कोरोना गाइडलाइन के नियमों का भी पालन करना होगा। सोमवार से देहरादून जिले में 1239 सरकारी और 11 केंद्रीय विद्यालय छात्रों से गुलजार हो गए हैं। साथ ही जिले के 900 निजी स्कूलों में से कुछ दिवसीय स्कूल ही खुले हैं।
सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी। वहीं, ज्यादा छात्र संख्या वाले स्कूल दो शिफ्ट में संचालित करने या एक दिन छोड़कर 50 फीसदी छात्रों को स्कूल बुलवाने की व्यवस्था बनाई गई है। दिवसीय स्कूलों में एंट्री के समय सभी छात्रों, शिक्षक और कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है।
तापमान सामान्य से अधिक मिलने पर अभिभावकों को इसकी सूचना देकर डॉक्टर का परामर्श मिलने के बाद ही छात्र को दोबारा स्कूल बुलाया जाएगा। राजपुर रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौडाई ने बताया कि जिन छात्राओं के पास अभिभावक का सहमतिपत्र होगा उन्हें ही स्कूल में प्रवेश दिया जा रहा है। स्कूल में सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए हैं।
स्कूल में नहीं मिलेगा दिन का भोजन
कोरोना काल में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फिलहाल सरकारी स्कूलों में दिन का भोजन नहीं मिलेगा। दोपहर में मिलने वाले मिड डे मील पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाई गई है। स्कूलों में प्रार्थना सभा, बाल सभा, खेलकूद, संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम समेत अन्य सामूहिक गतिविधियों को भी फिलहाल स्थगित किया गया है
आज खुले 11 केंद्रीय विद्यालय
देहरादून संभाग के 11 केंद्रीय विद्यालय भी खुले हैं। केवि संगठन की उपायुक्त मीनाक्षी जैन ने बताया कि सभी स्कूलों ने अपने स्तर पर कोरोना गाइडलाइन के तहत तैयारी पूरी कर ली है। सोमवार से दून के 11 केवि में ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है। स्कूल न आने वाले छात्रों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था जारी रहेगी। बताया कि जिन स्कूलों में छात्र संख्या ज्यादा है, वहां दो पाली में पढ़ाई होगी।
स्कूल में उग आईं झाड़ियां
लंबे समय से बंद स्कूलों में साफ-सफाई न होने से शहर के कुछ स्कूलों में झाड़ियां उग आई हैं। सोमवार से स्कूल खोलने के आदेश के बाद भी इन स्कूलों में सफाई नहीं की गई है। आलम यह है कि स्कूल के मुख्य गेट पर ही लंबी झाड़ियां उगने से अंदर प्रवेश करना मुश्किल हो रहा है।
स्कूल को किया सैनिटाइज
महाकाल के दीवाने सामाजिक संस्था की ओर से रविवार को सनातन धर्म उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सैनिटाइजेशन किया गया। अध्यक्ष रोशन राणा ने कहा कि कोरोना काल में खुल रहे स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इस दौरान दीपक जेठी, अंकुर जैन, राहुल माटा मौजूद रहे।
शासन के आदेश के बाद निदेशालय की ओर से सभी सीईओ को पूरी तैयारी के साथ स्कूल खोलने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों की कोविड से सुरक्षा के लिए स्कूल को सैनिटाइज किए जाने के निर्देश हैं, इसके लिए यदि स्कूलों को बजट नहीं दिया गया तो वे छात्र हित में अभिभावक संघ से सहयोग ले सकते हैं।
-एसपी खाली, अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा
विभाग की ओर से स्कूलों को सैनिटाइज करने के आदेश तो जारी किए गए हैं, लेकिन इसके लिए बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है। स्कूल खुलने से पहले विभाग को इसके लिए बजट की व्यवस्था करनी चाहिए थी। 20 फीसदी से अधिक शिक्षकों एवं कर्मचारियों का अभी वैक्सीनेशन भी नहीं हुआ।
-अनिल शर्मा, प्रांतीय अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ