राज्य में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़कर 155 हो गई है। स्टेट कट्रोल रूम के अनुसार एम्स ऋषिकेश में 99 मरीज भर्ती हैं। जबकि हिमालयन हॉस्पिटल में 20, महंत इंद्रेश में 10 और दून मेडिकल कॉलेज में नौ मरीजों का इलाज चल रहा है। ब्लैक फंगस से संक्रमित होने के बाद 14 मरीजों की मौत हो चुकी है और अभी तक 13 मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में गुरुवार को म्यूकोर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के दो मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो गई। एम्स में अब तक कुल 110 केस आ चुके हैं। इनमें 9 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि दो लोग स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किये जा चुके हैं।
अब एम्स में म्यूकोर माइकोसिस से ग्रसित 99 मरीज भर्ती है। एम्स के पीआरओ हरीश थपलियाल ने बताया कि गुरुवार को 2 गंभीर मरीजों देहरादून निवासी एक 60 वर्षीय पुरुष व बिजनौर यूपी निवासी 58 वर्षीय पुरुष की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। अब एम्स अस्पताल में म्यूकोर माइकोसिस के शेष 99 मरीज भर्ती हैं। अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि दो लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके है। गुरुवार को यूपी और उत्तराखंड से 9 नये मरीज भर्ती किये गये हैं। उन्होंने बताया कि अब एंटी फंगल इंजेक्शन की भी कमी नहीं है। उत्तराखंड सरकार की ओर से पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरेसिन बी के 15 हजार इंजेक्शन लेकर औषधि विभाग की टीम दून के लिए रवाना हो गई है। राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर जग्गी ने बताया कि शुक्रवार रात तक दवाई देहरादून पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि यह दवाई दून मेडिकल कॉलेज के ऑर्डर पर आई है इसलिए दवाई पहले दून मेडिकल कॉलेज आएगी उसके बाद इसका वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीएमओ देहरादून को तीन हजार के करीब इंजेक्शन दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा 1200 इंजेक्शन का आर्डर अन्य दवा कंपनियों को भी दिया गया है और यह आर्डर भी एक दो दिन में दून पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद इस दवाई की कमी खत्म होने की उम्मीद है।