देहरादून। नोवल कोरोना वायरस (कोविड 19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे उत्तराखंड में दो हजार लोगों को होम क्वारंटीन में रखा गया है। प्रदेश में अब तक कोरोना प्रभावित देशों से लगभग तीन हजार लोग आए हैं। इनमें 800 लोगों ने 28 दिन की निगरानी अवधि पूरी कर ली है।
कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ओर से लोगों को घरों से बाहर न निकलने का सख्त फैसला लिया गया है, ताकि वायरस को स्थानीय स्तर पर फैलने से रोका जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर में दो हजार लोगों पर निगरानी के लिए उन्हें होम क्वारंटीन में रखा है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार होम क्वारंटीन लोगों की संख्या बढ़ रही है। होम क्वारंटीन किए गए लोग न तो किसी से मिल सकते हैं और न ही घर से बाहर निकल सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की टीम होम क्वारंटीन लोगों पर निगरानी रख रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर फरवरी माह के अंतिम सप्ताह से ही नजर रखी जा रही थी।
निगरानी के लिए 55 लोग अस्पतालों में भर्ती
कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षणों के आधार पर 55 लोगों को निगरानी के लिए अस्पतालों में भर्ती किया गया है। प्रदेश में राहत की बात ये है कि कोरोना वायरस अभी कंट्रोल में है। प्रभावित देेशों की यात्रा से लौटे लोगों में ही कोरोना की पुष्टि हुई है।
राज्य से बाहर फंसे लोगों के लिए बनाई जा रही है व्यवस्था
सरकार ने राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड वासियों के लिए मुंबई और दिल्ली में व्यवस्था दुरुस्त की है। मुख्यमंत्री ने मुंबई स्थित उत्तराखंड आवास को भी प्रवासियों के लिए खोलने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड सदन नई दिल्ली में भी लोगों के लिए खोल दिया गया है। एक किराये का भवन भी नई दिल्ली में प्रवासियों को रहने और खाने की सुविधा प्रदान करेगा। राज्य से बाहर फंसे लोगों को वापस लाने के लिए भी सरकार कोशिश कर रही है।
इसके लिए अन्य राज्यों से भी वार्ता की जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अपर स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली को पचास लाख रुपये जारी कर दिए गए हैं। नई दिल्ली और मुंबई में प्रवासियों के रहने और खाने की विशेष व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।