कोरोना संक्रमण : उत्‍तराखंड में हालत आज भी बेहतर, तब्लीगी काण्ड न होता तो सुकून में होता उत्तराखंड

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  • देश के औसत से इसकी तुलना करें तो प्रदेश में स्थिति फिर भी बेहतर है। एक अप्रैल से नौ अप्रैल के बीच राज्य में संक्रमण दर की बात करें तो यह अब तक तीन फीसद से नीचे ही रही है। केवल छह अप्रैल को यह 3.11 फीसद रही है।
  • प्रदेश में अगर जमातियों की आमद न होती तो अब तक यह आंकड़ा सात पर ही रुका रहता। क्योंकि जमातियों व उनके संपर्क में आए लोगों के पॉजीटिव आने के अलावा अन्य कोई व्यक्ति इस दौरान पॉजीटिव नहीं आया है।

देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना का खतरा लगातार बढ़ रहा है, परन्तु यहाँ आज भी हालत वेहतर हैं। हाल के दिनों में  यहाँ भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी, संदिग्धों का आंकड़ा भी बढा है। हालात भी चिंताजनक जरूर है पर देश के औसत से इसकी तुलना करें तो प्रदेश में स्थिति फिर भी बेहतर है। एक अप्रैल से नौ अप्रैल के बीच राज्य में संक्रमण दर की बात करें तो यह अब तक तीन फीसद से नीचे ही रही है। केवल छह अप्रैल को यह 3.11 फीसद रही है।

राज्य में नौ अप्रैल तक कुल 1270 टेस्ट किए गए जिनमें से 35 कोरोना पॉजीटिव मरीज आए। इनमें 28 अकेले जमाती व उनके संपर्क हैं। जबकि सात केस अन्य लोगों के हैं। प्रदेश में अगर जमातियों की आमद न होती तो अब तक यह आंकड़ा सात पर ही रुका रहता। क्योंकि जमातियों व उनके संपर्क में आए लोगों के पॉजीटिव आने के अलावा अन्य कोई व्यक्ति इस दौरान पॉजीटिव नहीं आया है। इधर, इन्हीं आंकड़ों को अगर राष्ट्रीय औसत से तुलना करें तो उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दर जहां तीन फीसद के करीब से है तो देशभर में यह तीन से पांच फीसद है।

देशभर में जहां अब तक 1.3 लाख टेस्ट के बाद संक्रमण की दर तीन से पांच फीसद तक है तो राज्य में यह दर तीन फीसद के ही करीब है। इनवायरमेंट एक्शन एंड एडवोकेसी ग्रुप के प्रमुख अनूप नौटियाल के मुताबिक 7,8 और 9 अप्रैल को यह 2.8 फीसद ही रही है। उनके अनुसार केवल 6 मार्च को संक्रमण दर 3.11 तक पहुंची।

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