देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसकी सबसे ज्यादा मार दून पर पड़ रही है। जिस कारण सिस्टम की भी बेचैनी बढ़ने लगी है। इसी को देखते हुए अब दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने भी एहतियात बरतनी शुरू कर दी है। गुरुवार से नेत्र रोग, चर्म रोग, मनोरोग, ईएनटी व दंत रोग के मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं किए जाएंगे। वहीं अन्य विभागों में भी केवल गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जाएगा।
गत वर्ष मार्च में कोरोना की दस्तक होने के साथ दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय को कोविड-हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया गया था। कोरोना के खिलाफ जंग में अस्पताल ने अहम भूमिका निभाई थी। सामान्य ओपीडी व आइपीडी भी यहां बंद कर दी गई थी। पर कोरोना का प्रसार कम होने पर एक-एक कर व्यवस्थाएं बहाल होने लगी। अब जबकि कोरोना का ग्राफ फिर तेजी से बढ़ रहा है, कॉलेज प्रशासन ने इस ओर एहतियात बरतनी शुरू कर दी है।
प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि इस विषय पर सभी विभागाध्यक्षों से चर्चा की गई। हालिया स्थिति को देखते हुए पांच विभागों में मरीज भर्ती न करने का फैसला लिया गया है। वहीं अन्य विभागों में भी गंभीर मरीज ही भर्ती किए जाएंगे। आगे जो स्थिति बनेगी उसी अनुरूप निर्णय लिया जाएगा।
ओपीडी में मरीजों की संख्या होगी तय
गत वर्ष नवंबर माह में अस्पताल की ओपीडी खुलने पर प्रत्येक विभाग में हर दिन 25-25 मरीज देखने की व्यवस्था की गई थी। कोरोना के मामले कम होने पर यह बाध्यता हटा दी गई। पर मरीजों की संख्या अब फिर निर्धारित की जा रही है। प्राचार्य का कहना है कि ओपीडी में फिलवक्त बहुत ज्यादा भीड़ है। उस पर यहीं टीकाकरण भी चल रहा है। बढ़ते मामलों को देखते हुए मरीजों की संख्या तय की जा रही है।
अस्पताल पर बढ़ने लगा कोरोना का दबाव
कोरोना के मामलों में कमी आने पर अस्पताल में केवल आयुष्मान ब्लॉक इस बीमारी के लिए आरक्षित रखा गया था। बाकि विभागों में सामान्य मरीज भर्ती किए जा रहे थे। पर कोरोना के मरीज पिछले कुछ वक्त में बढ़े हैं। जिस कारण ट्रॉमा व गुब्बारा वार्ड भी इनके लिए खोलना पड़ा है। हाल में यहां 30 से ज्यादा कोरोना संक्रमित, जबकि इतने ही संदिग्ध यहां भर्ती हैं।