राजकीय जिला कोरोनेशन अस्पताल में इंटर्न महिला डॉक्टर के शारीरिक उत्पीड़न मामले में जांच समिति पर आरोपी वरिष्ठ डॉक्टर को संरक्षण देने के आरोप लगे हैं। इस बात की शिकायत प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक से भी की गई है।
एक महिला कर्मचारी का कहना है कि जब वह समिति के समक्ष बयान देने गई तो आरोपी डॉक्टर भी वहां बैठे थे। इससे जांच प्रभावित होने की आशंका है। इससे पहले भी वह यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपी रहे हैं। बाद में उनके आपत्ति जताने पर वरिष्ठ डॉक्टर को वहां से बाहर भेजा गया। उल्लेखनीय है कि एक इंटर्न ने कुछ दिन पहले अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर पर शारीरिक व मानसिक शोषण का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दी थी। इसके आधार पर आरोपी वरिष्ठ डॉक्टर को कोरोनेशन से हटाकर जिला अस्पताल के गांधी शताब्दी अस्पताल परिसर भेज दिया गया था। मामले की अभी जांच चल रही है।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिखा जंगपांगी का कहना है कि आरोपी डॉक्टर को संरक्षण देने के आरोप निराधार है। जिस समय की यह बात है आरोपी डॉक्टर के बयान लिए जा रहे थे। उसी दौरान महिला कर्मचारी भी बयान देने आई। जांच में सभी के बयान ले लिए गए हैं। अब समिति अपनी रिपोर्ट फाइनल कर रही है।