राज्य के निजी स्कूलों कोरोना योद्धाओं की फौज तैयार करेंगे। इन स्कूलों के शिक्षक अब अस्पतालों में ड्यूटी देंगे। इसके लिए उन्हें बकायदा नर्सिंग और मेडिकल की ट्रेनिंग दी जाएगी। कोरोना महामारी के कारण निजी और सरकारी स्कूलों में मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए निजी स्कूलों के सबसे बड़े संगठन प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन (पीपीएसए) ने ये पहल की है। निजी और सरकारी स्कूलों में मरीज बढ़ने से मेडिकल स्टाफ की भारी कमी होने लगी है। वहीं इससे मरीजों को भारी नुकसान हो रहा है। इससे निपटने के लिए अब पीपीएसए सामने आया है। एसोसिएशन अपने शिक्षकों को अब ऑनलाइन क्लास के साथ ही अस्पतालों में चार-चार घंटे सुबह और शाम को ड्यूटी के लिए तैयार करेगा।
इसके लिए उन्हें बकायदा मेडिकल व नर्सिंग की हल्की फुल्की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए एसोसिएशन के सभी स्कूल दो दो शिक्षक देंगे। एसोसिएशन ने सभी निजी स्कूलों को पत्र भेजकर इसमें सहयोग की मांग की है। पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि पिछले कोरोनाकाल में हमने मदद के तौर पर 75 लाख रुपये सीएम राहत कोष में दिए थे। लेकिन इस बार स्कूलों की हालात सही ना होने के कारण हम आर्थिक मदद नहीं कर पा रहे। लेकिन हमने अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने के लिए मदद की पेशकश की है। हमारे पास काफी क्वालिफाइड टीचर्स हैं। जिनको हम ट्रेनिंग देकर सुबह व शाम का चार चार घंटे मेडिकल ड़्यूटी करवाएंगे। जो सुबह आठ से पांच बजे तक ड्यूटी करेगा उसे लंच वे ब्रेकफास्ट भी देंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप के अनुसार, राजधानी में ही सीबीएसई और आईसीएसई के करीब एक हजार स्कूल हैं। इनमें से ज्यादातर पीपीएसए के सदस्य हैं। जो नहीं है उनसे भी हम संपर्क में हैं। ऐसे में हर स्कूल अगर दो दो शिक्षक देता है तेा काफी बड़ी संख्या हो जाएगी। जो कि ट्रेनिंग के बाद अस्पतालों में ड्यूटी करेंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से भी अनुमति ली जा रही है। ताकि जरूरत के हिसाब से अस्पतालों को ये शिक्षक दिए जा सकें। डॉ. गीता खन्ना की मदद से इन शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।