प्रदेश में कोविड से अपनों को खो चुके शिक्षक और शिक्षिकाओं तबादलों में राहत दिए जाने की तैयारी है। शिक्षा महानिदेशालय ने इस तरह के बेसिक और माध्यमिक के करीब 100 शिक्षकों का प्रस्ताव शासन को भेजा है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति इन तबादलों पर निर्णय लेगी।
तीन हजार से अधिक बच्चे अनाथ
प्रदेश में कोविड में कई लोगों ने अपनों को खोया है। तीन हजार से अधिक बच्चे अनाथ हो गए। जबकि शिक्षा विभाग में 100 से अधिक शिक्षक एवं शिक्षिकाएं ऐसी हैं, जिनके पति या पत्नी की कोविड के दौरान मौत हो गई। ऐसे पति या पत्नी शिक्षक एवं शिक्षिका को जिसने कोविड में अपनों को खोया है, उन्हें तबादलों में राहत दी जाएगी।
इन शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के उनके अनुरोध के आधार पर सुगम क्षेत्र के स्कूलों में तबादले हो सकेंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति तबादला एक्ट के नियम 27 के तहत 23 दिसंबर को तबादलों को लेकर एक बैठक कर चुकी है। जबकि 29 दिसंबर को एक बार फिर बैठक कर इन प्रस्तावों पर निर्णय लिया जाना है।
माता-पिता की बीमारी के आधार पर नहीं मिलेगा तबादले का लाभ
प्रदेश में शिक्षकों के नियम 27 के तहत तबादलों के लिए बेसिक के 400 और माध्यमिक के 260 प्रस्ताव शासन में पहुंचे हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक 23 दिसंबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि माता-पिता के आधार पर शिक्षकों को सुगम क्षेत्र के स्कूलों में तबादलों का लाभ नहीं मिलेगा। केवल पति-पत्नी और बच्चों की बीमारी के आधार पर ही तबादलों का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा दिव्यांग और कोविड में अपनों को खोने वालों को तबादलों का लाभ दिया जाना है। इसके लिए अधिकारी अलग-अलग सूची तैयार करें।
शिक्षा विभाग में कोविड से पति या पत्नी को खो चुके करीब 100 शिक्षकों का उनके अनुरोध के आधार पर तबादलों का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी इन प्रस्तावों पर निर्णय लेगी।
– बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक