देहरादून। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) को मार्च के पहले हफ्ते में नया सचिव मिलेगा। एसोसिएशन एपेक्स काउंसिल की बुधवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर भी फैसला लिया गया। इस दौरान कई मुद्दों पर सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
एपेक्स काउंसिल की बैठक के दूसरे दिन सबसे पहले सचिव पद को लेकर चर्चा हुई। निवर्तमान सचिव महिम वर्मा के बीसीसीआई उपाध्यक्ष बनने के बाद से यह पद खाली है। इसको लेकर काउंसिल सदस्यों ने जल्द फैसला लेने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन में बड़ी संख्या में लोग हैं, जो वर्षों से क्रिकेट के लिए काम कर रहे हैं।
उन्हें अब काम करने का मौका दिया जाना चाहिए। सचिव पद पर हालांकि किसी नाम पर सहमति नहीं बन सकी। इसको लेकर सदस्यों में नोकझोंक भी हुई। इसके बाद काउंसिल ने मार्च के पहले हफ्ते तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का फैसला लिया।
सीएयू अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला ने कहा कि जिला स्तर क्रिकेट में सुधार के लिए सभी जिलों से सुझाव और प्रस्ताव मांगे जाएंगे। उन्होंने क्रिकेट ट्रेनिंग सेंटर व एकेडमी के लिए स्थान चिह्नित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
काउंसिल ने कहा कि राज्य में क्रिकेट को बढ़ावा देने और स्थानीय अंपायर, कोच, स्कोरर व अन्य सपोर्ट स्टाफ की गुणवत्ता के स्तर में सुधार लाने के लिए कार्यशाला आयोजित की जाएगी। सदस्यों ने विज्जी ट्रॉफी आयोजित करने को लेकर भी चर्चा की। एजीएम मार्च में कराने पर भी सहमति बनी।
खर्च को लेकर हुई खींचतान
बैठक के दौरान खर्च को लेकर सदस्यों में खींचतान हुई। ज्यादातर सदस्यों ने खर्च में पारदर्शिता न होने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने मनमाने ढंग से खर्च पर भी नाराजगी जताई। सदस्यों ने सामान खरीद और टूर के दौरान होने वाले खर्च की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने वेंडर को इंपैनल किया है।
टीमों के प्रदर्शन की समीक्षा
बैठक में एपेक्स काउंसिल ने बोर्ड ट्रॉफी में राज्य की सभी टीमों के प्रदर्शन की समीक्षा भी की। उन्होंने रणजी टीम के प्रदर्शन पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पिछले साल पहली बार खेलने उतरी टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि पिछले साल प्लेट से इस साल प्रमोट होने से भी टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ा है।