ऋषिकेश। ऋषिकेश में मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के तपोवन में गंगा में नहाने के दौरान डूबे तीन पर्यटकों में से एक युवती का शव रायवाला के गौहरीमाफी में बरामद हुआ है। एसडीआरएफ रेस्कयू टीम ने युवती के शव को पुलिस को सौंप दिया है। शव को एम्स ऋषिकेश की मोर्चरी में रखा गया है। पर्यटकों के परिजनों को शव की शिनाख्त के लिए बुलाया गया है। वहीं, गंगा से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में लापता पर्यटकों की सूचना उपलब्ध कराने के लिए पोस्टर भी चस्पा किए जा रहे हैं।
बता दें कि मुंबई शहर से ऋषिकेश घूमने आए तीन दोस्त बुधवार को तपोवन के पास गंगा तट पर नहाते समय डूूब गए थे। पर्यटकों के दो दोस्तों ने अपूर्वा केलकर (21) पुत्री हेमंत केलकर निवासी बोरीवली ईस्ट उद्धवनगर मुंबई 66, मेलरॉय डांटे (21) पुत्र रोबट डांटे और मधुश्री खुरसांगे (21) पुत्री प्रभाकर खुरसांगे, निवासी 703, बुरुनाली बोरीवली, ईस्ट उद्धवनगर मुंबई-66 के डूबने की सूचना तपोवन पुलिस का दी थी।
जिसके बाद पुलिस तत्काल रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया था। पुलिस गंगाभोगपुर तल्ला, पशुलोक बैराज, त्रिवेणीघाट, आस्था पथ, भीमगोड़ा बैराज में लगातार सर्च अभियान चला रही है।
शुक्रवार को पुलिस ने टिहरी, पौड़ी और ऋषिकेश और हरिद्वार सीमा क्षेत्र के गंगा से सटे क्षेत्रों में पर्यटकों की तलाश की। इस दौरान देर शाम गौहरी माफी के पास गंगा किनारे एक युवती का शव बरामद हो गया। देर शाम तक शव की पहचान नहीं हो पाई है। मुनिकीरेती पुलिस ने बताया कि शव की शिनाख्त के लिए पर्यटकों के परिजनों को बुलाया गया है।
इस दौरान पुलिस ने गंगा तटों के आसपास और बाजारों पर्यटकों की संबंध में सूचना उपलब्ध कराने के लिए पोस्टर भी चस्पा किए गए। लोगों को पोस्टर दिखाकर भी लापता पर्यटकों की जानकारी जुटाई गई।
घाटों के आसपास के पत्थरों पर लगाए खतरे के निशान
अति संवेदनशील गंगा तटों पर नहाने के दौरान पर्यटकों के डूबने की कई घटनाओं के बाद आखिरकार पुलिस की नींद टूटी है। लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र के स्वर्गाश्रम के गंगा लाइन के कई अति संवेदनशील प्राकृतिक गंगा तटों के आसपास के पत्थरों पर पुलिस खतरे के निशान लगाए है। हालांकि चेतावनी बोर्ड लगाने को लेकर अब भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पुलिस की टीम अनाउंसमेंट कर पर्यटकों अति संवेदनशील तटों की ओर न जाने की चेतावनी भी दे रही है। वहीं तटों के आसपास जल पुलिस की तैनाती की गई है। गौरतलब है कि कोविड कर्फ्यू में छूट के बाद से अब तक आठ पर्यटक अति संवेदनशील घाटों पर डूूबने से अपनी जान गवां चुके हैं।