गंगोत्री-यमुनोत्री धाम रेल लाइन की डीपीआर तैयार, 15 किमी लंबी होगी रेल टनल

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गंगोत्री-यमुनोत्री धाम रेल लाइन की डीपीआर तैयार, 15 किमी लंबी होगी रेल टनल

ऋषिकेश। उत्तराखंड के चारों धाम को रेल सर्किट से जोड़ने के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का सपना तेजी से धरातल पर साकार हो रहा है। इसी कड़ी में रेल विकास निगम ने डोईवाला से गंगोत्री और यमुनोत्री तक रेल लाइन बिछाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर दी है। इसे स्वीकृति के लिए सचिव परिवहन उत्तराखंड को भेजा गया है। परियोजना की कुल लागत 20 हजार 500 करोड़ रुपये आ रही है।

चारधाम रेल सर्किट के तहत ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर निर्माण कार्य जारी है। परियोजना के पहले योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का निर्माण पूरा हो चुका है। इसे वीरभद्र से जोड़ा गया है और यहां तक रेल ट्रायल भी सफल रहा है। इससे आगे शिवपुरी और मलेथा रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य जारी है। कुछ टनल और रेल पुल भी निर्माणाधीन हैं। इसके साथ ही अच्छी खबर यह है कि चारधाम रेल सर्किट के तहत गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को रेल लाइन से जोड़ने की उम्मीद को पंख लगने लगे हैं।

रेल विकास निगम ने कई चरण का सर्वे पूरा करने के बाद अब इसकी डीपीआर भी तैयार कर ली है। निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि 121.5 किमी लंबी इस रेल परियोजना में कुल दस स्टेशन होंगे, जो डोईवाला से शुरू होते हुए बड़कोट में समाप्त होंगे। परियोजना में उत्तरकाशी का मातली स्थित स्टेशन सबसे बड़ा नौ लाइन का होगा। जबकि, बड़कोट स्टेशन पांच लाइन और शेष आठ स्टेशन तीन लाइन के प्रस्तावित हैं।

15 किमी लंबी होगी रेल टनल
रेल विकास निगम की डीपीआर के मुताबिक परियोजना की कुल लंबाई (121.5 किमी) में 17 छोटे-बड़े रेल पुल बनाए जाएंगे। इसके अलावा रेल लाइन 84.603 किमी दूरी सुरंगों के भीतर तय करेगी। इस परियोजना पर कुल 25 सुरंगें बनेंगी, जिनमें जाजल से मरोड़ा स्टेशन को जोड़ने वाली सबसे लंबी सुरंग 15 किमी की होगी।

दो साल के अध्ययन के बाद तैयार हुई डीपीआर
रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि इस डीपीआर को तैयार करने में दो वर्ष का समय लगा। इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की द्वारा प्रूफ चेकिंग भी कराई गई है। डीपीआर के गठन को 386 किमी लंबाई में सर्वेक्षण कार्य किया गया, जिसके अंतर्गत भूवैज्ञानिक और डीजीपीएस सर्वेक्षण और हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन भी शामिल था। इसके अलावा 153 किमी लंबाई में रिमोट सेंसिंग और सैटेलाइट इमेजरी भी कराई गई है। बताया कि हिमालय क्षेत्र में आज तक किसी भी परियोजना में इस प्रकार विस्तृत भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण नहीं किया गया। परियोजना का एलाइनमेंट फ्रिज करते हुए उत्तराखंड शासन से परियोजना पर राय भी मांगी गई है।

परियोजना पर बनेंगे दस नए स्टेशन
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाली रेल लाइन पर दस नए रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं। रेल लाइन डोईवाला से शुरू होगी और इसका पहला स्टेशन भानियावाला होगा। इसके बाद दूसरा स्टेशन रानीपोखरी, तीसरा जाजल, चैथा मरोड़ा, पांचवां कंडीसौड़, छठा सरोट, सातवां चिन्यालीसौड़, आठवां डुंडा, नवां उत्तरकाशी (मातली) और दसवां बड़कोट में बनाया जाएगा।

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