गंगोत्री से भी चुनाव लड़ सकते हैं सीएम तीरथ सिंह रावत, अगले दो दिन में होगा विचार

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ऋषिकेश। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत किस सीट से चुनाव लड़ेंगे इस पर अगले दो दिन में विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगोत्री विधानसभा सीट भी उनके चुनाव क्षेत्र के लिए प्रस्तावित सीट में शामिल है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक बुधवार को ऋषिकेश आगमन पर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत के चुनाव क्षेत्र को लेकर संगठन दो दिन में इस पर चर्चा करेगा और जो भी निर्णय होगा उससे सबको अवगत करा दिया जाएगा। पूछे जाने पर उन्होंने स्वीकार किया कि गंगोत्री विधानसभा सीट भी मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने वाली संभावित प्रमुख सीट में शामिल है। इसके अतिरिक्त अन्य सीट पर भी विचार होगा।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गंगोत्री विधानसभा सीट में उपचुनाव होना है, यह चुनाव कब होना है यह चुनाव आयोग को तय करना है। उन्होंने कहा कि थराली, पिथौरागढ़ और सल्ट विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में परिस्थिति ऐसी बनी जो दिवंगत विधायक के परिवार के सदस्य को चुनाव लड़ना पड़ा, क्योंकि इन सभी जगह उनका परिवार सक्रिय भूमिका में रहा है।

गंगोत्री सीट को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उपचुनाव में परिवार का ही सदस्य चुनाव लड़े ऐसा कोई पार्टी का फार्मूला नहीं है। गंगोत्री से भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मुख्यमंत्री को चुनाव लड़ने का आग्रह कर रहे हैं। कौशिक ने बताया कि प्रदेश में जल्द ही भाजपा अपनी राजनीतिक गतिविधियां शुरू कर देगी। इस माह के अंतिम सप्ताह या अगले माह के प्रथम सप्ताह में प्रदेश कार्यसमिति और चिंतन बैठक बुलाई गई है।

दो दिन तक चलने वाली इस बैठक में संगठन के 40 वरिष्ठ नेता और केंद्र के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे, जिसमें प्रदेश के भीतर संगठन के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के कार्यक्रम निर्धारित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस बैठक में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रोड मैप तैयार किया जाएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सेवा ही संगठन कार्यक्रम के तहत कोरोना काल में संगठन कार्यकर्ताओं ने बूथ लेवल से लेकर प्रदेश स्तर तक सक्रिय भूमिका निभाई। उत्तराखंड में 15 कंट्रोल रूम बनाए गए। युवा मोर्चा, महिला मोर्चा के साथ अन्य सभी मोर्चा ने रक्तदान शिविर आयोजित किए।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग का सेवा से कोई इस दौरान संबंध नहीं रहा। उनके लिए राजनीति ही प्राथमिकता में रही है।यही कारण है कि यह लोग प्रदेश सरकार को बदनाम करने के लिए प्रदर्शन और पुतला दहन करते रहे। इस दौरान टूलकिट जैसा घिनौना काम किया गया, कुंभ जैसे करोड़ों हिंदुओं की आस्था के पर्व को बदनाम करने की कोशिश की गई।

प्रदेश अध्यक्ष के आगमन पर नगर निगम महापौर अनीता ममगाईं, मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल, अनुशासन समिति के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र दत्त सकलानी, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष संदीप गुप्ता, नमामि गंगे प्रकल्प के प्रदेश संयोजक कपिल गुप्ता आदि ने उन्हें स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र उड़ा कर सम्मानित किया।

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