देहरादून। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए बवाल के बाद उत्तराखंड की सीमाओं पर भी सुरक्षा कड़ी करने का अलर्ट जारी किया गया है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा है कि सभी देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल जिले अपने बॉर्डर पर पैनी नजर बनाए रखें। किसानों ने देहरादून भी आने की योजना बनाई थी।
हालांकि, मंगलवार को ऐसी कोई बात नहीं हुई। वहीं सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस महानिदेशक ने एजेंसियों को भी अलर्ट रहने को कहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में हुए उपद्रव को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसान रैली के दौरान हुए उपद्रव को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा करने वाले किसान नहीं हो सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के नाम पर कुछ अराजक तत्वों द्वारा जो कृत्य किया गया, वह नहीं होना चाहिए था। जो किसान 26 जनवरी के पर्व पर ऐसा कदम उठाये वह किसान नहीं हो सकता। इस प्रकार की घटना हम सबके लिये चिन्ता का विषय है।
कहा कि जो किसान इस अराजकता फैलाने वाले उपद्रव में शामिल नहीं हुए, उन्हें वे नमन करते हैं। हमारे राज्य में इस प्रकार की कोई घटना न हो इसके लिये राज्य सरकार कटिबद्ध है।
दिल्ली में जो कुछ हुआ, उसे हमारे किसान भाई अच्छी तरह समझ चुके हैं। इस प्रकार सरकारी सम्पत्ति का नुकसान करने का कोई तर्क नहीं हो सकता।
दिल्ली में कड़ी सुरक्षा
कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए बवाल के बाद दिल्ली में कड़ी सुरक्षा है। हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने अब तक 22 प्राथमिकी दर्ज की हैं।
इनमें से ईस्टर्न रेंज में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं, आज भी दिल्ली में कई रास्ते बंद हैं। दिल्ली में किसानों के उग्र प्रदर्शन के अराजक हो जाने के बाद हुई हिंसा में कम से कम 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
दिल्ली पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हुड़दंग करने वालों की पहचान करने में जुटी है।
गणतंत्र दिवस पर हुए बवाल के बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर आज भी किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है।