राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बेहतर काम करने का गुनगान करती हो लेकिन आज प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के बत से बत्रर हालात चल रहे है जिसकी बानगी चामोली से देहरादून के सरकारी अस्पताल गंाधी नेत्र चिकित्सालय में देखने को मिल रही है आखिर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाऐ कब सुदरेगी यह एक सवाल बन के रह गया है. उत्तराखड़ के दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्रों में आज भी मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कोसो दूर रहना पड़ रहा है कारण कि पहाड़ों में सही स्वास्थ्य का ना होना दरअसल में बीती रोज चमोली जिले के गोपेश्वर के रहने वाली एक गर्भवती महिला को जब गोपेश्वर से लेकर श्रीनगर तक इलाज नही मिला तो डाक्टरों ने उसे देहरादून के लिए रेफर कर दिया लेकिन मरीज के परिजनों को देहरादून के लिए 10 आपतकालीन एम्बंुलेश तक नही मिल वही राजधानी देहरादून के जिला अस्पताल पंहुची गर्भवती महिला को यंहा भी इलाज नही मिल रहा है गर्भवती महिला के पती ने 108 से लेकर जिला अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगया है उन्होंने कहा कि कहा कि जब सरकार ने गरीबों के लिए सुविधाऐं दी है तो उन्हे मिल क्यौ नही रही है.वंही आपतकालीन 108 सेवा ना मिलने को लेकर प्रभारी अनील शर्मा भी 108 को बचाते हुए नजर आऐ अनील शर्मा ने कहा कि दूसरी एम्बुलेंश किसी अन्या मरीज को लेने गई जिससे कि समय पर एम्बुलेंश नही आ पाइ्र हालांकि उन्होंने पूरे मामले पर जांच हवाला दिया है
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