उत्तराखंड में 15वें विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। आगामी 31 मई को इस सीट पर ताल ठोकने जा रहे सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी। चम्पावत सीट पर भाजपा की ओर से सीएम पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने के लिए वैसे तो कई लोगों ने इच्छा जताई है मगर, अब तक किसी भी दल ने पत्ते नहीं खोले हैं।
इधर, कांग्रेस में विधानसभा चुनाव 2022 की तरह उप चुनाव में भी टिकट देने पर लंबा मंथन चल रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की मानें तो पार्टी पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार जल्द ही यहां से कांग्रेस प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। सीएम धामी के यहां से उपचुनाव लड़ने के कयास काफी समय से लग रहे थे। फिर भी कांग्रेस काफी देर से हरकत में आई।
अप्रैल के अंतिम सप्ताह में पार्टी पर्यवेक्षक और विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता भुवन कापड़ी, अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी, लोहाघाट विधायक खुशाल सिंह अधिकारी ने चम्पावत के पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर नब्ज टटोली थी। बैठक में पांच नेताओं ने टिकट मांगा था।
हालांकि, लगातार पांच चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल और पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह माहरा की पर्यवेक्षकों की बैठक में गैरमौजूदगी भी काफी चर्चाओं में रही। बैठक में पर्यवेक्षक ने ये भी संकेत दिए थे कि पार्टी किसी स्थानीय नेता को ही अपना प्रत्याशी बनाएगी। बहरहाल, टिकट देने में कांग्रेस कोई जल्दबाजी के मूड में नहीं है। सीएम धामी की घेराबंदी का अगुवा कौन होगा, इसके चयन के लिए पर्यवेक्षक, प्रभारियों समेत कई आला नेताओं को चम्पावत भेजा गया है, जो हर दावेदार को बारीकी से परख रहे हैं।