चंपावत जिले में उपचुनाव को देखते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खाली पदों को भरने की तैयारी है। जिलाधिकारी चंपावत नरेंद्र सिंह भंडारी ने उपचुनाव का हवाला देते हुए शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर जिला शिक्षा अधिकारी सहित विभागीय अधिकारियों के खाली पदों को भरने के लिए कहा है।
प्रदेश में शिक्षा विभाग के अजीबोगरीब कारनामे हैं। विभाग में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी जिले में विभाग के अधिकारी न होने पर जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी का प्रभार जिला पर्यटन अधिकारी को दे दिया गया हो, चंपावत जिले में यह स्थिति बनी, हालांकि इस जिले में अब विभाग की ओर से सीईओ की तैनाती कर दी गई है, लेकिन जिले में अब भी जिला शिक्षा अधिकारी माध्ययिक का एक, खंड शिक्षा अधिकारी के चार एवं उप खंड शिक्षा अधिकारी के दो पद पिछले काफी समय से खाली चल रह हैं।
इसके अलावा कुछ अन्य जिलों में भी अधिकारियों के कई पद खाली हैं, लेकिन चंपावत जिले में उपचुनाव होने हैं। जिसे देखते हुए शासन प्रशासन को जिले में विभाग के अधिकारियों के खाली पदो की याद आई है। डीएम ने शिक्षा सचिव को इस मामले में पत्र लिखकर कहा है कि जिले में उपचुनाव होने हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए अधिकारियों के इन खाली पदों को भरा जाए। डीएम का शासन को पत्र मिलने के बाद विभाग की ओर से इन पदों को भरने की तैयारी है। शिक्षा निदेशालय की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है।
इन जिलों में अधिकारियों के इतने पद खाली
प्रदेश में रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, टिहरी, अल्मोड़ा और ऊधमसिंह नगर सहित कई जिलों में अधिकारियों के पद खाली हैं। इसके अलावा अपर निदेशक के दो और संयुक्त निदेशक के तीन, उप निदेशक के 23, खंड शिक्षा अधिकारी के 52 और उप शिक्षा अधिकारी के 45 पद लंबे समय से खाली हैं। विभागीय अधिकारियों के 125 पद खाली हैं।
चंपावत जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खाली पदों को भरने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है, इसके लिए निर्वाचन आयोग से भी अनुमति लेनी पड़ सकती है।
– बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक