देहरादून। दून ऑटो-रिक्शा यूनियन ने डीजल से चलने वाले ऑटो-विक्रम वाहनों को चरणबद्ध तरीके से सड़क से बाहर करने की मांग की है। यूनियन ने आरटीए पर एक तरफा निर्णय लेने का आरोप भी लगाया। चेताया कि ऑटो-विक्रम को बाहर करने के लिए समय नहीं दिया जाता है तो यूनियन उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी। शुक्रवार को यूनियन कार्यालय में हुई बैठक में अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने कहा कि एक नंवबर को हुई आरटीए की बैठक में डीजल से चलने वाले दस साल या इससे अधिक पुराने ऑटो-विक्रम को मार्च 2023 और बाकी बचे वाहनों को दिसंबर 2023 तक सड़क से बाहर करने का फैसला किया गया है। बैठक में यूनियन ने अपना पक्ष रखकर वाहनों को बाहर करने के लिए समय मांगा था, लेकिन आरटीए ने एक तरफा फैसला किया है, जिसका ऑटो और विक्रम संचालन पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
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