ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर तोता घाटी व सौड़पाणी के बीच गुजर रही कार के ऊपर भारी पत्थर आ गिरा। हादसे में राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर में प्रवक्ता डॉ. मनोज सुंदरियाल गंभीर रूप से घायल हो गए। कार के अंदर फंसे मनोज को सेना के जवानों ने कार की छत काटकर बाहर निकाला और एम्स ऋषिकेश में भर्ती करवाया। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।एम्स के पीआरओ हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि मनोज सुंदरियाल को दुर्घटना के बाद गंभीर अवस्था में अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में लाया गया था। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं, कार में चालक समेत उनके बड़े भाई भी सवार थे, जो सुरक्षित हैं।बुधवार सुबह तोताघाटी व सौड़पाणी के बीच पहाड़ी से अचानक एक भारी पत्थर वहां से गुजर रही कार के पिछले हिस्से पर गिर गया। कार की पिछली सीट पर डॉ. मनोज सुदंरियाल बैठे थे। आगे की सीट पर उनके बड़े भाई पंकज बैठे थे। पत्थर गिरने के बाद कार चालक और पंकज बाहर निकल गए लेकिन मनोज अंदर ही फंस गए। इसी दौरान ऋषिकेश की ओर जा रहे सेना के जवान वहां पहुंचे।
उन्होंने कटर से कार की छत और दरवाजे काटकर किसी तरह मनोज को बाहर निकाला। सिर में चोट लगने की वजह से मनोज बेहोशी की हालात में थे। अपनी पत्नी के साथ श्रीनगर की ओर आ रहे डेंटिस्ट अवधेश जुयाल लहूलुहान मनोज को अपने साथ एम्स की ओर ले गए। शिवपुरी में मनोज को 108 में शिफ्ट कर दिया गया। थाना प्रभारी देवप्रयाग महिपाल रावत ने बताया कि कार में सवार दोनों अन्य लोग सुरक्षित हैं।
साढ़े 5 घंटे बाद खुला बदरीनाथ हाईवे
देवप्रयाग में ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर बेली मोड़ पर रात लगभग साढ़े 11 बजे यातायात खोल दिया गया। यहां चट्टानी मलबा आने से मार्ग बाधित हो गया था। मंगलवार शाम पांच बजे भागीरथी पुल के पास बेली मोड़ पर पत्थर गिरने शुरू हुए थे। पुलिस ने खतरा देखते हुए यहां वाहनों की आवाजाही रोक दी थी।शाम 6 बजे पहाड़ी का बड़ा हिस्सा राजमार्ग पर आ गिरा, जिससे यहां पूर्ण रूप से यातायात ठप हो गया। थाना प्रभारी महिपाल रावत ने बताया कि लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने रात लगभग साढ़े 11 बजे तक मलबा साफ कर दिया। इसके बाद मार्ग यातायात के लिए खोल दिया गया।