देहरादून। चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा बोर्ड के पक्ष में आया फैसला, जिसका राज्य सरकार स्वागत करती है। सरकार की बोर्ड बनाने की इच्छा पर न्यायालय ने मुहर लगाई है। यात्रा को सुरक्षित संचालित करने के लिए बोर्ड का गठन किया गया है। इससे हक-हकूकधारियों को कोई नुकसान नहीं होगा। उत्तराखंड की परंपराओं के पूरे विश्व में खास महत्व है। किसी भी परंपरा से छेड़छाड़ नहीं होगा। न्यायालय के निर्णय का सबको स्वागत करना चाहिए।
सीएम ने कहा कि कोई भी राजनीतिक कारण से बोर्ड का विरोध ना करे। यात्रियों की बढ़ता संख्या में बोर्ड बेहतर काम करेगा। ये जीत हार का फैसला नहीं है, सरकार की सोच पर न्यायालय ने मोहर लगाई है। दूसरे पक्ष के पास रास्ते खुले, लेकिन उनको दूसरे रास्ते पर नहीं जाना चाहिए। सभी के हक हकूक का ख्याल रखा जाएगा। इससे पंडा पुरोहित समाज को कोई परेशानी नहीं होगी।
राजनीति नहीं हमें परंपराओं का पालन करने वालों की चिंता होनी। ऐसे में सदियों से देवभूमि का रुख करने वालों का सम्मान होना चाहिए। गंगा यमुना का उदगम उत्तराखंड है, लेकिन हमें इस पर अपना हक़ नहीं जमाना है। हमें देश विदेश से उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के हितों का ख्याल रखना है। राज्य मंत्रिमंडल का बोर्ड बनाने का फैसला है । 2004 में तत्कालीन तिवारी सरकार ने इसकी चर्चा भी की थी। किन्ही कारणों से नहीं बन पाई व्यवस्था। महिलाओं को जमीन का मालिकाना हक़ देने के फैसले पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जब 98 प्रतिशत भूमि पर महिलायें काम कर रही हैं। फिर उनको लोन लेने का अधिकार क्यों नहीं। ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर सीएम रावत ने शोक जताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि परिवार के साथ पूरी शोक संवेदना है। पुरानी पीढ़ी को स्वर्गीय टंडन ने काफी कुछ सिखाया है। कहा कोविड-19 से विजय पा चुके लोगों को राज्य में आने की अनुमति है।