चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे श्रद्धालु, बदरीनाथ जाने वाले मार्ग भूस्खलन के चलते क्षतिग्रस्त

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देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए दूसरे राज्यों के श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। वहीं गुरुवार को बदरीनाथ धाम जाने वाला नरसिंह मंदिर मार्ग भूस्खलन के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है।

मार्ग क्षतिग्रस्त होने की वजह से बदरीनाथ जाने वाले सभी वाहन मुख्य बाजार से होकर गुजर रहे हैं। बाकी अन्य धामों को जाने वाले सभी मार्गों पर यातायात सुचारू है। यमुनोत्री धाम में भक्तों की चहल-पहल देखकर स्थानीय लोगों के चेहरों पर रौनक आ गई है।

उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन की अपार संभावनाएं : महाराज
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन की अपार संभावनाएं है। सरकार की ओर से विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। सर्दियों में बाबा केदारनाथ की पूजा ऊखीमठ, बदरीनाथ की पांडुकेश्वर, गंगोत्री की मुखवा और मां यमुनोत्री की पूजा शीतकालीन प्रवास खरसाली में कर सकते हैं। 

मुंबई में तीन दिवसीय इंटरनेशनल ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) का उद्घाटन पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और महाराष्ट्र की पर्यटन राज्य मंत्री अदिति तटकरे ने संयुक्त रूप किया। टूरिज्म फेयर के पहले दिन ही उत्तराखंड पर्यटन के स्टॉलों पर आगंतुओं का विशेष आकर्षण बना रहा। इन स्टॉलों में योगासन, राफ्टिंग, साइकिलिंग समेत साहसिक पर्यटन का प्रस्तुतीकरण दिया गया।

महाराज ने कहा कि कोविड महामारी में पर्यटन को सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए सरकार विंटर टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है, जिससे पूरे साल देश दुनिया के पर्यटक उत्तराखंड आ सके। शीतकालीन और साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन की ओर से जिला प्रशासन के साथ मिलकर नैनीताल, भीमताल, पंगोट, मसूरी समेत कई स्थानों पर विंटर कार्निवाल आयोजित किए जा रहे हैं।

औली स्कीइंग खेलों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। जबकि ट्रेकिंग के लिए केदारकांठा ट्रैक भी उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में ही है। उन्होंने चारधाम के कपाट हर साल नवंबर माह में बंद हो जाते हैं। सरकार का प्रयास है कि सर्दियों में भी पर्यटक केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के दर्शन शीतकालीन प्रवास पर दर्शन के लिए आएं। 

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि मुंबई से हर साल लाखों पर्यटक उत्तराखंड आते हैं। कोरोना काल में पर्यटकों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने होमस्टे योजना पर तेजी से काम किया है। वर्क फ्रॉम होम के लिए उत्तराखंड एक डेस्टिनेशन बना है। इस मौके पर पूर्व मंत्री अमृता रावत अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान आदि मौजूद थे।

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