चारधाम यात्रा में जिस हिसाब से तीर्थयात्रियों के पंजीकरण हो रहे हैं, ऐसे में वाहनों की कमी होने की भी संभावना है। इस कमी को देखते हुए परिवहन विभाग ने जरूरत पड़ने पर सिटी बसों और स्कूल बसों को भी चारधाम यात्रा में लगाने का प्रस्ताव बनाया है। इसकी तैयारी भी तेज कर दी गई है।
दरअसल, चारधाम यात्रा के लिए परिवहन कंपनियों की 1584 बसें संचालित होती हैं, जिसमें 1069 स्टेज कैरिज और 515 कांट्रेक्ट कैरिज बसें शामिल हैं। इसके अलावा 3200 बसें रोस्टर व्यवस्था से बाहर से संचालित होती हैं, जिनमें 1300 बसें राज्य और 1900 बसें अन्य राज्यों की होती हैं। इस यात्रा में परिवहन निगम की ओर से 100 बसें संचालित करने का प्रस्ताव है।
यात्रियों को परेशानी नहीं होने देंगे: परिवहन मंत्री
यात्रियों की संख्या अधिक हुई तो कुमाऊं मंडल की 100 और बसें यात्रा में लगाई जाएंगी। इसके बाद इमरजेंसी हालात होने पर परिवहन निगम की 50 और बसें बढ़ाने के अलावा कुमाऊं से अतिरिक्त बसें भी बुलाई जा सकती हैं। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि इसके बाद भी अगर जरूरत पड़ेगी तो सिटी बसों और स्कूलों में संचालित ठेका गाड़ियों को भी चारधाम यात्रा में लगाया जाएगा। परिवहन मंत्री चंदन रामदास के मुताबिक, किसी भी सूरत में यात्रियों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। जो भी तीर्थयात्री उत्तराखंड आ जाएगा, उसे निराश होने नहीं दिया जाएगा।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले ड्राइवर होंगे सम्मानित
परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने बताया कि इस बार चारधाम यात्रा में चालक कल्याण योजना के तहत 50 लाख का बजट स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे चालकों को चिकित्सकीय परीक्षण, सड़क सुरक्षा संबंधी परामर्श, ठकराव वाले स्थानों पर विश्राम की व्यवस्था और वाहन चालकों को प्रशिक्षण या रिफ्रेशर कोर्स कराया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा उत्कृष्ट कार्य करने वाले चालकों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।