ऋषिकेश। कोरोना महामारी के इस दौर में उत्तराखंड पुलिस की बहादुरी और जिंदादिली की कई मिसाल देखने को मिल रही हैं। गंगानगर निवासी कोरोना संक्रमित एक बुजुर्ग को जब अपने चारों ओर निराशा की धुंध दिखाई दी तो थक हारकर उन्होंने पुलिस से मदद मांगी। जहां नाते-रिश्तेदार और पड़ोसी मदद से दूर भागते दिखे, वहीं पुलिस के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित बुजुर्ग को कंधे पर उठाकर एंबुलेंस तक और फिर अस्पताल पहुंचाकर भर्ती कराया।
कोरोना संक्रमण बेहद घातक रूप से आम जन को बीमार कर रहा है। गणेश विहार लेन नंबर-6, गंगा नगर ऋषिकेश में इन दिनों एक बुजुर्ग दंपती अपनी बेटी के साथ कोरोना संक्रमित होने के कारण जीवन की जंग लड़ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पुलिस का हेल्पलाइन नंबर ही इस परिवार का सहारा बना है। पुलिस ने परिवार के तीनों सदस्यों की कोविड जांच भी घर पर ही कराई। बेटी को सांस लेने में दिक्कत हुई तो पुलिस ने घर तक आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाकर मदद की।
बीते रोज फिर से वरिष्ठ नागरिक 76 वर्षीय गणेश दास सप्रा ने पुलिस हेल्पलाइन पर जानकारी दी कि उनकी हालत अत्याधिक बिगड़ गई है, ऑक्सीजन से भी राहत नहीं मिल रही है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने क्षेत्र में तैनात चीता पुलिस से संपर्क साध संबंधित परिवार की मदद के लिए भेजा। चीला पुलिस के जवान कांस्टेबल योगेंद्र कुमार व कांस्टेबल संदीप छाबड़ी तत्काल वरिष्ठ नागरिक के घर पहुंचे। कोविड संक्रमित होने की वजह से कोई भी पीड़ित परिवार की मदद का जोखिम नहीं उठा रहा था।
ऐसे में कांस्टेबल योगेंद्र कुमार ने स्वयं पीपीई किट पहनकर मकान के प्रथम तल में गंभीर अवस्था में पड़े बुजुर्ग को गोद में उठाकर बाहर लाए। जहां से एंबुलेंस की मदद से बुजुर्ग को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के बाद अब बुजुर्ग की हालत में सुधार है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि अब तक हेल्पलाइन की मदद से तीन दर्जन से अधिक जरूरतमंदों तक पुलिस मदद पहुंचा चुकी है।