देहरादून: गांधी शताब्दी अस्पताल में प्रसूता के पेट में पट्टी छोड़ने के मामले का उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक को नोटिस भेजकर चार सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है।
दरअसल, नेहरू कालोनी निवासी एक शिक्षक की पत्नी की पिछले साल 28 अक्टूबर को गांधी शताब्दी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। आरोप है कि चिकित्सक ने प्रसूता के पेट में पट्टी पेट छोड़ दी। महिला को दिक्कत होने पर उसका अल्ट्रासाउंड कराया गया। तब गर्भाशय से पट्टी निकाली गई। उन्होंने चिकित्सक से संपर्क करना चाहा, पर वह नहीं मिली। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में भूपेंद्र कुमार नाम के व्यक्ति ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत की। इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए कहा कि इससे किसी की जान भी जा सकती है। संभव है कि ऐसी लापरवाही कभी और भी की गई हो। ऐसे में इस तरह के प्रकरण में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।