मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए 29 नवंबर सोमवार के दिन को बेहद खास बना दिया। उधर संसद में कृषि कानून रद हुए, इधर मुख्यमंत्री ने सितारगंज की बंद पड़ी चीनी मिल को पेराई के लिए शुरू कर हजारों किसानों को बड़ी राहत दी। ढुलान भाड़े में कटौती और गन्ना मूल्य में बड़ी वृद्धि का तोहफा किसानों की झोली में डाल दिया। कृषि कानूनों (Agriculture Lawas) को लेकर बदले राजनीतिक वातावरण में मुख्यमंत्री के इस कदम को सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।केंद्र सरकार के कृषि कानून वापस लेने की कसरत के बीच उत्तराखंड में किसानों को लुभाने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार ने बड़ा दांव चल दिया है। कृषि कानूनों को लेकर किसानों की नाराजगी और विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस इस मामले में सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए थी। किसानों की राजनीति का हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों की विधानसभा सीटों पर असर है ही, देहरादून और नैनीताल जिलों की कुछ सीट भी इस असर के दायरे में मानी जाती हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को सधे अंदाज में किसानों के हित में महत्वपूर्ण कदम उठाए। धामी ने सितारगंज में लंबे अरसे से बंदी पड़ी चीनी मिल में पेराई सत्र को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने इस मौके पर गन्ना किसानों की बल्ले-बल्ले भी कर दी। सितारगंज में मुख्यमंत्री के किसानों के हित में पहल की तो देहरादून में गन्ना व चीनी मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने मोर्चा संभाला। सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि बीते 20 वर्षों में पहली बार किसी सरकार ने गन्ना मूल्य में इतनी बढ़ोतरी की है। यह वृद्धि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से भी ज्यादा है।