देहरादून। सूर्यदेव की आराधना और संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए मनाया जाने वाला चार दिवसीय छठ पर्व नहाय-खाय के साथ बुधवार से शुरू हो गया। कोरोना के चलते शहर में कोई बड़ा आयोजन तो नहीं हो सका, लेकिन त्योहार मनाने के प्रति उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। गुरुवार को खरना होगा, जिसमें व्रती 36 घंटे निर्जला उपवास रखेंगे, जो अगले दिन सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा।
छठ का पर्व भी इस बार कोरोना के बीच मनाया जा रहा है। ऐसे में छठ का आयोजन करने वाली विभिन्न समितियों ने कोई बड़ा आयोजन न करने का एलान किया है। साथ ही नागरिकों से सामूहिक पूजा के बजाय घर पर ही पूजा करने की अपील की है। ऐसे में नहाय-खाय पर छठ व्रत रखने वालों ने घर पर ही पूजा की। उधर, जिला प्रशासन की ओर से छठ के मौके पर कोई बड़ा आयोजन न करने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन कुछ लोग पहले ही घाट तैयार कर चुके थे। आदेश के बाद उन्हें ये घाट हटाने पड़े।
बाजार में खरीदारी को उमड़ रही भीड़
छठ पूजा का बिहार, झारखंड के साथ पूर्व उत्तर प्रदेश में काफी महत्व है। दून में भी हर साल छठ के त्योहार पर खूब रौनक रहती है। छठ पर्व शुरू होते ही बाजार में भी खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ने लगी है। खासतौर पर कपड़ा बाजार में खूब रौनक हो गई है। इसके अलावा लोग पूजा के लिए फूल एवं अन्य सामग्री खरीदने भी पहुंच रहे हैं।
छठ आयोजन से दूर रहेगा पूर्वा मंच
राजधानी दून समेत उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में रहने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के प्रवासियों का संगठन पूर्वा सांस्कृतिक मंच ने इस बार छठ पूजा के किसी भी आयोजन से खुद को दूर रखने का निर्णय लिया है। मंच के महासचिव सुभाष झा ने बताया कि मंच ने यह फैसला कोरोना संक्रमण को रोकने के मद्देनजर सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के पालन के तहत लिया है। उन्होंने बताया कि सभी छठ घाटों के प्रभारियों को प्रशासन द्वारा छठ के लिहाज से जारी गाइडलाइन की जानकारी दे दी गई है। अगर निजी तौर पर कोई भी आयोजन होता है तो उन्हें शारीरिक दूरी का पालन करने, मास्क अनिवार्य रूप से पहनने समेत अन्य जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं।
नदी-नहर किनारे एकत्र होकर सूर्य को अर्घ्य देने पर प्रतिबंध
छठ का महापर्व नहाय-खाय के साथ बुधवार से शुरू हो गया है। पर्व की खुशियों पर कोरोना संक्रमण का साया न मंडरा पाए, इसको लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। छठ पर नदी, नहरों किनारे, घाट आदि पर बड़ी संख्या में लोग एकजुट होकर सूर्य को अर्घ् देते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है। लिहाजा, प्रशासन ने सार्वजनिक स्थल पर एकजुट होकर अघ्र्य देने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बुधवार को जारी आदेश में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल ने कहा कि सभी लोग अपने-अपने घरों पर रहकर ही पूजन करेंगे। घरों के आसपास भी लोग सीमित संख्या में एकत्रित होंगे और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर अनिवार्य रूप से मास्क पहनेंगे। इसके अलावा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का पूजा के दौरान उचित ध्यान रखने और 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को पूजन से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी गई है। आदेश में यह भी कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में पूजा का आयोजन प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी तरह के नियम के उल्लंघन पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।