देहरादून। उत्तराखंड सरकार लॉकडाउन के आखिरी सप्ताह में सामाजिक दूरी को लेकर सख्ती करने की तैयारी कर रही है। लॉकडाउन के दौरान रोजाना छह घंटे की दी जाने वाली राहत को कम कर तीन से चार घंटे किया जा सकता है। आवश्यक वस्तुओं की खरीद के नाम पर सड़कों पर उमड़ रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यह निर्णय सरकार ले सकती है।
प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन के आखिरी सप्ताह में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती कर सकती है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अधिकारियों के बीच लॉकडाउन को लेकर चर्चा हुई।
बैठक में यह रिपोर्ट सामने आई कि सुबह सात से दोपहर एक बजे तक जनता को आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए दिया जा रहा समय सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने में बाधा बन रहा है। कई मामले सामने आए हैं, जिनमें जनता बिना किसी काम के वाहनों को सड़कों पर दौड़ा रही है।
ऐसे में सरकार लॉकडाउन के दौरान आंशिक राहत की अवधि को पुराने ढर्रे पर लाने की तैयारी में है। सरकार सुबह सात बजे से दस बजे या 11 बजे तक ही जनता को घरों से बाहर निकलने की अनुमति देने की तैयारी में है।
15 अप्रैल के बाद बदलेगी रणनीति
चैपहिया वाहनों के संचालन को कम करने के लिए पुलिस और सख्त कदम उठा सकती है। इसके अलावा यह व्यवस्था भी बनाई जा सकती है कि उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। सरकार मंगलवार को इससे संबंधित आदेश सभी जिलाधिकारियों को जारी कर सकती है।
सरकार राष्ट्र व्यापी लॉकडाउन के 14 अप्रैल को खत्म होने के बाद 15 अप्रैल से सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर नए नियम जारी करेगी। इसको लेकर आठ अप्रैल को मंत्रिमंडल की बैठक में रणनीति बन जाएगी।
सरकार की बड़ी चिंता प्रदेश में रोजाना चार से पांच संक्रमण के मामले सामने आने को लेकर है। अगर एक सप्ताह में यह मामले इसी रफ्तार में आए तो सरकार कड़े नियम लागू कर सकती है