देहरादून। एसआईटी ने करोड़ों रुपये के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में देहरादून के तीन और शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए हैं। समाज कल्याण विभाग ने वर्ष 2012 से 2013 और वर्ष 2015 से 2016 के बीच उत्तराखंड के शिक्षण संस्थानों में एससी-एसटी और ओबीसी को फीस प्रतिपूर्ति के लिए करोड़ों रुपये दिए थे।
लेकिन, यह पैसा छात्रों तक नहीं पहुंचा। घोटाला उजागर होने पर सरकार ने घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। इसकी जांच आईपीएस मंजूनाथ टीसी कर रहे हैं। अब तक एसआईटी छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने पर विभिन्न कॉलेजों के संचालकों को गिरफ्तार कर चुकी है। एसआईटी की जांच में तीन और शैक्षणिक संस्थानों में छात्रवृत्ति में गड़बड़ी सामने आई है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर राजपुर थाने में एसआईटी के एसआई संतोष सेमवाल की तहरीर पर द्रोणाज कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्निकल एजूकेशन विलेज कालागांव, सहस्त्रधारा रोड पोस्ट गुजराडा (कैंपस सुभाष रोड द्रोणाज पॉलीटेक्निक कॉलेज) प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
जबकि, एसआई आदित्य सैनी की तहरीर पर देहरादून इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नॉलोजी इंद्रानगर के खिलाफ वसंत विहार थाने और इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया मैनेजमेंट ऑफ टेक्नॉलोजी इंद्रानगर के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। एसपी सिटी श्वेता चैबे ने बताया कि एसआईटी की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।